डूंगरपुर, २५मई। अशोक नगर स्थित हाउसिंग बोर्ड की ज़मीन पर कॉलोनी निर्माण के दौरान शुक्रवार को बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के नेताओं ने मौके पर पहुंचे हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों के साथ सरेआम गाली-गलौच की और जान से मारने की धमकियां दीं। हैरानी की बात यह रही कि घटनास्थल पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और अब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। शहर के अशोक नगर इलाके में हाउसिंग बोर्ड की बहुमूल्य सरकारी ज़मीन पर आवासीय कॉलोनी विकसित करने का कार्य शुरू हुआ है। इस ज़मीन पर बीते कुछ वर्षों में कुछ लोगों द्वारा कच्चे मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया था। हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना को स्वीकृति देने के बाद हाउसिंग बोर्ड ने समतलीकरण का कार्य शुरू किया था।
बीते शुक्रवार को हाउसिंग बोर्ड की टीम जेसीबी मशीनों के साथ कार्य कर रही थी, तभी भारत आदिवासी पार्टी के नेता कांतिलाल रोत अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नेताओं ने अधिकारियों को पुलिस के सामने खुलेआम धमकाया, गालियां दीं और मारपीट की चेतावनी दी। सांसद कांतिलाल रोत ने मौके पर मौजूद दौसा के अधिकारी रविंद्र मीणा को अपमानजनक भाषा में ज़मीन से हटने को कहा और कहा, “यहां की सरकार हम हैं, तुम्हारा यहां कोई हक नहीं।” इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कोतवाली पुलिस के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप करने के बजाय खामोशी ओढ़े रखी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। घटना के दो दिन बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और फिर यह मामला सुर्खियों में आ गया। अब सवाल यह है कि क्या सरकारी जमीनों पर वैधानिक कार्य को राजनीतिक दबाव में रोका जा सकता है? और क्या प्रशासनिक अमले की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं? हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने पूरे मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है और मामले की जांच की मांग की है।