लौहार बावजी की जयंती: महाराज की खेड़ी से लेकर नवानिया तक रहेगी श्रद्धा और भक्ति की रौनक

वल्लभनगर, 25 मई : मेवाड़ के तत्कालीन महाराणा फतहसिंह के आध्यात्मिक गुरु और मालवीय लौहार समाज के आराध्य संत शिरोमणि लौहार बावजी की जयंती इस बार भव्यता और नई परंपराओं के साथ मनाई जाएगी। दो दिवसीय कार्यक्रम 26 व 27 मई को होगा, जिसमें महाराज की खेड़ी, नवानिया और कीकावास गांवों में धार्मिक आयोजन होंगे।
घासावटी चौखला अध्यक्ष प्रकाश लौहार ने बताया कि 26 मई की शाम को रख्यावल गांव से समाजजनों की वाहन रैली रवाना होगी, जो महाराज की खेड़ी स्थित लौहार बावजी की समाधि स्थल पहुंचेगी। यहां प्रज्ञा चक्षु साध्वी सुगन ज्योति के सान्निध्य में पहली बार भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक समाज के अधिकांश लोगों को समाधि स्थल की जानकारी नहीं थी, लेकिन इस बार वहां विशेष श्रद्धा के साथ आयोजन किया जा रहा है।
अगले दिन 27 मई को इसी स्थल से वाहन रैली डबोक के निकट धूणीमाता मंदिर पहुंचेगी, जहां संत लौहार बावजी की विशेष पूजा-अर्चना और भोग धराया जाएगा। शाम को रैली पुनः रख्यावल लौटेगी, जहां एक और भजन संध्या होगी।
इधर, मेनार चौखला अध्यक्ष रमेश लौहार ने बताया कि 26 मई की रात को संत लौहार बावजी की जन्म स्थली नवानिया गांव में भव्य भजन संध्या आयोजित होगी। वहीं 27 मई की सुबह नवानिया से वाहन रैली निकटवर्ती कीकावास गांव के पारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेगी, जिसे संत की तपोभूमि माना जाता है। यहां विशेष पूजा और महाप्रसादी का आयोजन होगा। दोनों क्षेत्रों में समाजजनों में जयंती को लेकर भारी उत्साह है।

By Udaipurviews

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