उदयपुर  के मामेर गांव में तीन बच्चों की हत्या के बाद पिता भी फंदे पर लटका

उदयपुर। जिले के आदिवासी क्षेत्र कोटड़ा के मामेर गांव से सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक व्यक्ति ने पहले अपने तीनों बच्चों की हत्या की और उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाने के बाद खुद ने फांसी लगा ली। मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे उनके शव रस्सी से बने फंदों पर लटके पाए गए।
मिली जानकारी के अनुसार घटना कोटड़ा इलाके की सोमवार देर रात की बताई जा रही है, किन्तु सका पता तब चला जब गाव का एक लड़का कुछ सामान खरीदने रायसा की दुकान पर आया था। रायसा (45) की घर के बाहरी हिस्से में परचूने की दुकान है। बच्चे ने देखा कि रायसा (45) उसके बेटा वाजपई (15), बेटी टिपुरी (12) और सबसे छोटी बेटी किंजल (4) के शव फंदे से लटके देखे तो वह घबराकर दौड़ा और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए और सूचना मिलते ही मामेर थाना पुलिस भी आ गई। प्रारंभिक जांच के बाद माना जा रहा है कि पिता रायसा ने ही पहले बच्चों की हत्या की ओर उसके बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि इसके पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच में जुट गई है। पुलिस ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद रायसा अपने तीन बच्चों के साथ रह रहा था। रायसा ने हत्या और आत्महत्या के लिए उपयोग में ली रस्सी पूरी तरह नई थी और उसके चार टुकड़े कर उसे उपयोग में लिया था।
सोमवार शाम तीनों बच्चों को खेलते ग्रामीणों ने देखा
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार शाम वाजपई, अपने बहन टिपुरी तथा किंजल के साथ अपने घर के बाहर खेल रहा था। ग्रामीणों ने उनसे बातचीत भी की थी। पडोसियों का कहना है कि रायसा के मकान से किसी तरह की आवाज नहीं आई जिससे लगे कि वह ऐसी घटना को अंजाम दे पाया। सोमवार को रायसा ने रोजाना की तरह दुकान खोली थी और उसके हाव—भाव और चेहरे से यह नहीं लग रहा था कि वह परेशान है।
घर में जले हुए कागज मिले, लोन चुकाने को लेकर परेशान बताया
पड़ोसियों ने बताया कि जब घटना का पता चला तो वह उसके घर गए। वहां घर के एक हिस्से में जमीन पर जले हुए कागज पड़े देखे। पड़ोसियों के मुताबिक रायसा ने कारोबार के लिए लोन लिया हुआ था। किन्तु चुकाने को लेकर परेशान था।
कलक्टर और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे
कलेक्टर मौके पर पहुंचे
उदयपुर कलक्टर ताराचंद मीणा, पुलिस अधीक्षक विकास मीणा सहित कोटड़ा के आला अधिकारी मंगलवार शाम घटनास्थल पर पहुंचे। कलक्टर मीणा ने ग्रामीणों से पूरे मामले की जानकारी ली। इधर, पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह मामला मानसिक तनाव का माना जा रहा है। जानकारी में आया है कि कुछ साल पहले मृतक की पत्नी की मौत के बाद से परिवार सदमे में था। आर्थिक स्थिति खराब होने की भी बात सामने आई है। किराना की दुकान चलाकर वह परिवार का गुजारा कर रहा था। स्पष्ट कारण पता नहीं लगे हैं। मामले की जांच जारी है। एफएसएल की टीम भी जांच के लिए मौके पर पहुंची।

पूरा परिवार हुआ खत्म
मृतक रायसा का एक भाई था, जिसकी कुछ साल पहले ही मौत हो गई। रायसा के माता-पिता का भी पहले ही निधन हो चुका है। चार साल पहले रायसा की पत्नी की बीमारी के चलते मौत हो चुकी थी। इस तरह पूरा परिवार खत्म हो गया।

By Udaipurviews

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