डॉ. लक्ष्यराज ने गद्दी की रस्म के साथ संभाली अरविंद सिंह मेवाड़ की विरासत

उदयपुर, 2 अप्रैल: पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का गद्दी उत्सव बुधवार को शाही अंदाज में संपन्न हुआ। उनके कुलगुरु डॉ. वागीश कुमार गोस्वामी ने मंत्रोच्चारण और शंखनाद के बीच उन्हें गद्दी पर बैठाया। यह रस्म सुबह 9:30 बजे शुरू हुई और दोपहर 1:30 बजे तक चली।
उदयपुर के सिटी पैलेस में मेवाड़ की ऐतिहासिक परंपरा के तहत गद्दी उत्सव संपन्न हुआ। बुधवार को स्वर्गीय अरविंद सिंह मेवाड़ के पुत्र डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को विधिवत कुलगुरु डॉ. वागीश कुमार गोस्वामी ने तिलक कर गद्दी पर विराजमान कराया। इस शाही आयोजन में बड़ी संख्या में संत-महात्मा, VIP मेहमान और राजपरिवार के सदस्य शामिल हुए।

गद्दी उत्सव की शुरुआत सिटी पैलेस के आंगन में यज्ञ से हुई। इसके बाद धूणी माता के दर्शन, अश्व पूजन और एकलिंगजी महादेव के दर्शन किए गए। यह परंपरा मेवाड़ राजवंश में सदियों से चली आ रही है। धूणी माता का स्थान महाराणा उदयसिंह द्वारा चुना गया था, जहां आज भी गद्दी पर बैठने से पहले हर महाराणा दर्शन करता है।

इस उत्सव के दौरान पुरुषों के लिए सफेद कुर्ता-पायजामा और महिलाओं के लिए पारंपरिक सफेद पोशाक निर्धारित थी। कार्यक्रम के अंतिम चरण में जगदीश मंदिर में दर्शन किए गए और पंडितों को भोजन परोसा गया, जो मेवाड़ परंपरा का अभिन्न हिस्सा है।

गद्दी तिलक के बाद लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ अब मेवाड़ के 77वें महाराज के रूप में पहचाने जाएंगे। इस उत्सव में परंपरा, भव्यता और श्रद्धा का अद्भुत समावेश देखने को मिला, जिसने मेवाड़ की गौरवशाली विरासत को फिर से जीवंत कर दिया।

 

 

By Udaipurviews

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