एक दिन भी काम करने नहीं पहुंचा ठेकदार, नोटिस किया जारी
जुगल कलाल
डूंगरपुर, 30 मार्च । डूंगरपुर जिले की पंचायत समिति डूंगरपुर के तहत आने वाली 36 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान पूरी तरह विफल हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर यह योजना ठेकदार की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। 2 करोड़ रुपये की लागत से गांवों की सफाई के लिए टेंडर जारी किया गया था, लेकिन सफाई का ठेका लेने वाली आशापुरा सिक्योरिटी गार्ड एवं भूतपूर्व सैनिक सोसाइटी पाली ने पूरे साल में एक दिन भी सफाई कार्य नहीं किया। गांवों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं, नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं और कचरा संग्रहण केंद्र शराबियों के अड्डे बन चुके हैं।
गांवों में फैली गंदगी, गलियों में बजबजाती नालियां, शौचालयों में गंदगी का अंबार : पंजाब केसरी की टीम ने जब देवल खास, देवल पाल, सतीरामपुर, खेरवाड़ा, भाटपुर, पीपलादा, पाल गामड़ी, पीपला खास समेत कई ग्राम पंचायतों का दौरा किया तो हर जगह गंदगी का साम्राज्य नजर आया।
1. देवल खास: गांव की मुख्य सड़क पर कचरे का ढेर जमा था, जिससे बदबू उठ रही थी। गलियों में कीचड़ और गंदा पानी बह रहा था। ग्राम विकास अधिकारी गोविंद कोटेड ने बताया कि “फर्म को वर्क ऑर्डर दिया गया था, लेकिन तब से गांव में एक भी बार सफाई नहीं हुई है।”
2. देवल पाल: यहां भी हालात बेहद खराब थे। सड़कें कचरे से अटी पड़ी थीं और स्थानीय लोगों ने कहा कि “गांव में कभी किसी सफाईकर्मी को काम करते नहीं देखा।” सरपंच कमलेश ने बताया कई बार ठेकदार को फोन किया लेकिन काम करने नहीं आया।
3. सतीरामपुर: सामुदायिक शौचालयों में इतनी गंदगी थी कि लोग वहां जाने से बच रहे थे। बदबू से हालात बदतर हो चुके थे, पूरे शौचालय में गंदगी का अंबार लगा था।
टेंडर की शर्तों का भी हुआ उल्लंघन : टेंडर की शर्तों के अनुसार, ठेकेदार को इन ग्राम पंचायतों में घर-घर से गीला और सूखा कचरा उठाकर कचरा संग्रहण केंद्र तक पहुंचाना था। इसके अलावा, गांवों की सड़कों, बाजारों, नालियों और शौचालयों की सफाई की जिम्मेदारी भी ठेकेदार की थी, लेकिन एक भी शर्त का पालन नहीं किया गया।
10 ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने की शिकायत, बीडीओ ने दिए भुगतान रोकने के आदेश : गांवों में सफाई कार्य न होने पर 10 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और सचिवों ने लिखित में उच्च अधिकारियों को शिकायत दी। पंचायत समिति विकास अधिकारी प्रवीण सिंह राव ने भी इस मामले में फर्म को दो बार नोटिस जारी किया, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ। जब स्वच्छ भारत मिशन के प्रभारी मनोज शर्मा से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा:
“ठेकेदार को कई बार सफाई कार्य करने के लिए कहा गया, लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की। जब दबाव बनाया जाता है, तो वह धमकी देने लगता है।” पंचायत समिति विकास अधिकारी प्रवीण सिंह राव ने कहा:”हमें कई पंचायतों से शिकायतें मिली हैं कि ठेकेदार ने सफाई कार्य नहीं किया। हमने आशापुरा सिक्योरिटी गार्ड एवं भूतपूर्व सैनिक सोसाइटी को नोटिस जारी किया है और पंचायतों को निर्देश दिया है कि जब तक सफाई कार्य पूरा नहीं होता, तब तक किसी भी तरह का भुगतान न किया जाए।”