उदयपुर. लेकसिटी उदयपुर में पहली बार संगीत प्रेमियों और कलाकारों की और से बज्म- सुरों की महफिल कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को रंगारंग प्रस्तुतियां हुई। उदयपुर के स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाया गया संगीत का पहला ऐसा मंच,जो उभरते हुए कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दे रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन बॉलीवुड, सूफी, राजस्थानी, मेवाड़ी, रॉक, स्प्रिचुअल जैसी विधाओं पर अलग अलग इंस्ट्रूमेंट्स के साथ 2 ग्रुप बैंड्स, 3 सोलो परफॉर्मेंस हुई।
फिर ले आया दिल…
विदित मेघवाल ने आओगे जब तुम ओ साजना अंगना फूल खिलेंगे बरसेगा सावन झूम झूम के ..फिर ले आया दिल..चंबा कितनी दूर…लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो गीतों पर जोरदार परफॉर्मेंस दी।
छाप तिलक सब छीनी रे….
अंतरिक्ष लाइव बैड में अंतरिक्ष, संदीप, प्रीतिश ने सूफी गानों पर एक से बढ़कर प्रस्तुति दी।
बैंड ने सूफी गीतों में छाप तिलक सब छीनी रे, मोसे नैना मिलाईके… मितवा है तेरे नैना,रब की कव्वाली है इश्क कोई दिल की दीवाली है इश्क कोई गीतों पर प्रस्तुति दी।
ख्वाबों का सफर ले आया किधर….
प्रतीक मेघवाल ने अपने खुद के रचित गीतों पर परफॉर्मेंस दी। ख्वाबों का सफर ले आया किधर मंजिल बेखबर काफिरों का शहर….
जुल्मत के दरीचों से उल्फत नजर आता है,मैं जब- जब तुझे देखू खुदा नजर आता है गीतों से भाव विभोर कर दिया। इसके साथ ही वैगा बाड्स- द बैड,बंदिश 7,निखिल सुथार ने
ने जोरदार परफॉर्मेंस दी। कार्यक्रम का संचालन मयंक वाधवानी ने किया।