चैक अनादरण का मामला: अपील खारिज, सजा बहाल

सजा भुगतने के लिए आरोपी को भेजा जेल

उदयपुर। चैक अनादरण के मामले में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा आरोपी को सुनाई गई सजा को विशिष्ठ न्यायालय अजा/अजजा अनिप्र के पीठासीन अधिकारी ने बहाल रखते हुए अभियुक्त को सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया है।
प्र्रकरण के अनुसार कोलपोल बड़ा बाजार स्थित मैसर्स पायल ज्वेलर्स के प्रोपराइटर मदन सोनी ने भटियानी चौहट्टा निवासी मनोज पुत्र देवीलाल मोढ़ के खिलाफ 6 सितम्बर 2007 को परिवाद पेश किया जिसमें बताया कि आपसी जान पहचान होने पर तीन लाख रुपए उधार लिए और उसके एवज में आरोपी ने 12 जुलाई 2007 का चैक दिया जो अपर्याप्त राशि के कारण बैंक से अनादरित हो गया। इस मामले में आरोपी मनोज मोढ़ को विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट केसेज क्रम एक के पीठासीन अधिकारी ने 18 मई 2015 को एनआई एक्ट की धारा 138 में दोषी करार देते हुए एक वर्ष का कारावास और चार लाख रुपए परिवादी को क्षतिपूर्ति के देने का आदेश दिए। इस फैसले के खिलाफ आरोपी मनोज ने 15 जून 2015 को जिला एवं सेशल न्यायालय में अपील की जो निस्तारण के लिए विशिष्ठ न्यायालय अजा/अजजा अनिप्र की अदालत में आई। अपील पर दोनों पक्षों की बहस के दौरान प्रार्थी के अध्ािवक्ता मनीष शर्मा का तर्क का था कि अधनीस्थ न्यायालय ने वेध तरीक ेसे निर्णय पारित किया है इसलिए आरोपी के सजा के फैसले को बहाल रखा जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पीठासीन अधिकारी ज्योति के सोनी ने फैसले को बहाल रखते हुए एक वर्ष कारावास व चार लाख रुपए क्षतिपूर्ति के आदेश को बहाल रखते हुए आरोपी को सजा भुगतान ने के लिए कैंदीय काराग्रृह भेज दिया।

By Udaipurviews

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