चित्तौड़गढ़ जिले का मामला, सात महीने बाद मामले का खुलासा
उदयपुर। चित्तौड़गढ़ जिले के निकुंभ थाना क्षेत्र में सात महीने पहले घर की छत की टंकी से दस महीने की बालिका के शव के मामले में सोमवार को पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। उसकी हत्या लड़के की चाह में दादी और ताऊ ने कर दी थी। पुलिस ने दादी और सहयोगी ताऊ को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि निकुम्भ थाना क्षेत्र के आलाखेड़ी गांव में सात महीने पहले 29 अक्टूबर 22 को राजेश मेनारिया की 10 महीने की बच्ची मिस्टी की हुई हत्या के मामले में पुलिस को सफलता मिली है। बच्ची की दादी लीला (60) पत्नी भंवरलाल मेनारिया ने ही उसकी हत्या की थी और उसके शव को मकान की छत पर रखी पानी की टंकी में डाल दिया था। महिला ने सबूत मिटाने के लिए अपने ही जेठ के बेटे अर्जुन (42) पुत्र सोहन लाल (बच्ची के ताऊ) को इसमें शामिल कर लिया था।
इस तरह लगा पता
थाना अधिकारी यशवंत सिंह सोलंकी ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच में जुटी थी। पुलिस को इस मामले में शुरू से परिवार पर संदेह था। बच्ची का पिता राजेश दुबई में हलवाई का काम करता था। घटना वाले दिन मां कविता मेनारिया पास के ही खेत में काम करने गई थी। जाने से पहले वह मिस्टी को सुला कर गई थी। घर पर दादी ही मौजूद थी। पुलिस ने दादी से पूछताछ की और नार्को टेस्ट करना चाहा लेकिन उसने इंकार कर दिया। जिस पर पुलिस ने सबसे पहले अर्जुन मेनारिया से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारे सचाई उगल दी और बताया कि इसमें दादी का हाथ था, उसने तो सबूत मिटाने में दादी की मदद की थी।
लीला को खटकती थी तीन बेटियां
राजेश के तीन बेटियां थी, जिसमें मिस्टी तीसरी बेटी थी। तीन लड़कियों का होना लीला मेनारिया को खटकता था। पोते की चाह में उसने पहले मिस्टी की हाथ से मुंह दबा कर हत्या की और शव छत पर रखी पानी की टंकी में डाल दिया। फिर यह बात उसने अर्जुन मेनारिया को बताई और सबूत मिटाने की बात कही। इसमें अर्जुन मेनारिया ने लीला मेनारिया का साथ दिया। फिर दोनों ने झूठी खबर फैला दी कि बच्ची को कोई किडनैप कर ले गया और शक कचरा पीने वालों पर जताया।
लड़के की चाह में दादी और ताऊ ने ले ली थी दस महीने की बच्ची की जान
