नवसम्वत्सर के स्वागत में मंगल कलश के साथ कोटि कंठों से गूंजेगा मंगलाचार

-भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति व नगर निगम के तत्वावधान में विशाल शोभायात्रा व धर्मसभा आज
-तीन स्थानों से निकलेंगी मंगल कलश यात्राएं
-मंगल कलश यात्राओं का देहलीगेट पर होगा संगम
-बागेश्वर धाम के पं. धीरेन्द्र शास्त्री, कथा मर्मज्ञ पं. देवकीनंदन ठाकुर व बांसवाड़ा के संत उत्तम स्वामी का होगा आशीर्वचन
उदयपुर, 22 मार्च। बासंती ऋतु में नवरूप में खिलखिलाई सृष्टि की नव बयार के स्वागत में गुरुवार 23 मार्च को झीलों का शहर मंगलाचार से गूंजेगा। सृष्टि के आरंभ की तिथि मानी जाने वाली चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के मंगल आगमन पर शंखनाद, मंगल कलश यात्राओं के संगम और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ का भाव रखने वाली सनातन संस्कृति के जयकारों के साथ संतों के पावन सान्निध्य में अखिल विश्व की मंगलकामना की जाएगी।
भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति, नगर निगम उदयपुर और उदयपुर के सभी समाज, संगठनों की संयुक्त भागीदारी के साथ गुरुवार 23 मार्च दोपहर एक बजे नगर निगम प्रांगण से 101 शंखों के नाद के साथ विशाल शोभायात्रा शुरू होगी जिसकी अगुवाई सनातन धर्मग्रंथ की झांकी व बग्घियों में बिराजमान संत-महंत करेंगे। 11 अश्वों पर आदिशक्ति का प्रतीक कन्याएं सवार होंगी। शोभायात्रा व कलश यात्राओं के महाराणा भूपाल स्टेडियम पहुंचने पर धर्मसभा होगी जिसमें बागेश्वर धाम के पीठाधीश पं. धीरेन्द्र शास्त्री, प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पं. देवकीनंदन ठाकुर व बांसवाड़ा के उत्तम स्वामी महाराज का आशीर्वचन प्राप्त होगा। धर्मसभा में मेवाड़ अंचल के संत-महंतों का भी सान्निध्य रहेगा।
समिति के संयोजक कपिल चित्तौड़ा ने बताया कि दोपहर एक बजे नगर निगम प्रांगण से विशाल शोभायात्रा शुरू होने के साथ जगदीश मंदिर, भूपालपुरा मैदान और फतह स्कूल से कलश यात्राएं शुरू होंगी। मुख्य शोभायात्रा के देहलीगेट से आगे बढ़ने के बाद तीनों कलश यात्राओं का देहलीगेट पर संगम होगा।
बुधवार को महाराणा भूपाल स्टेडियम में आयोजन को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर रहीं। कुछ देर की बारिश के दौरान भी तैयारियों का दौर जारी रहा। स्टेडियम की ही भोजनशाला में एक लाख भोजन पैकेट भी तैयार किए जा रहे हैं। सब्जी खराब न हो इसके लिए पचकुटे की सब्जी बनाई गई है, पूड़ी के साथ नुक्ति भी भोजन महाप्रसाद के पैकेट में रहेगी। डेढ़ सौ से अधिक हलवाई व उनके सहायक इस कार्य में जुटे हुए हैं। महापौर जीएस टांक व उपमहापौर पारस सिंघवी ने दोपहर में भोजनशाला सहित स्टेडियम की अन्य व्यवस्थाओं व तैयारियों का जायजा भी लिया।
सुखाड़िया विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग के 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने मंच के आगे रंगोली बनाने का काम संभाला। चेतक सर्कल, देहलीगेट, सूरजपोल आदि प्रमुख चौराहों को भी भगवा पताकाओं से सजाया गया है। चेतक सर्कल पर मेवाड़ की वीरांगना हाड़ी रानी की झांकी भी लगाई गई है।
कार्यक्रम को लेकर उदयपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी तैयारियां जोरों पर हैं। बड़ी संख्या में गांवों से भी लोग धर्मसभा में पहुंचेंगे। शहर से गांव तक भारतीय नववर्ष के स्वागत में भगवा फर्रियां और पताकाएं लहराती नजर आ रही हैं। शहरी क्षेत्र में भी लगातार भगवा पताकाओं की मांग बढ़ रही है। कई युवा गाड़ियों पर भी पताकाएं लगा रहे हैं। बुधवार को दिन भर पताकाओं की मांग जारी रही।
यह रहेंगे कलश यात्राओं के मार्ग
-जगदीश चौक से निकलने वाली मंगल कलश यात्रा घंटाघर, बड़ा बाजार, बड़ी होली, भूपालवाड़ी, संतोषी माता मंदिर, तीज का चौक होते हुए देहलीगेट पहुंचेगी। इसी तरह, भूपालपुरा मैदान से निकले वाली मंगल कलश यात्रा मठ, कलेक्टर आवास, कोर्ट चौराहा होते हुए देहलीगेट पहुंचेगी। फतह स्कूल से निकलने वाली मंगल कलश यात्रा सूरजपोल, बापू बाजार होते हुए देहलीगेट पहुंचेगी। फतह स्कूल से शुरू होने वाली कलश यात्रा में ही डांडिया यात्रा भी शामिल होगी। तीनों मंगल कलश यात्राओं का संगम मुख्य शोभायात्रा के देहलीगेट से आगे बढ़ने के बाद होगा। मुख्य शोभायात्रा के देहलीगेट को पार करने के साथ ही कलश यात्राएं देहलीगेट पहुंचेंगी। संगम के बाद ये यात्राएं मुख्य शोभायात्रा में शामिल हो जाएंगी।
धर्मसभा की व्यवस्थाओं में यह हैं महत्वपूर्ण बिन्दु
-मंच के समीप विशेष आमंत्रित नागरिकों के बैठने की व्यवस्था रहेगी।
-मुख्य मंच के एक ओर प्रताप गौरव केन्द्र की झांकी भी सजाई जाएगी।
-मैदान में चार बड़ी एलईडी भी लगाई जाएगी।
-पेयजल की व्यवस्था स्टेडियम के बाहर की तरफ रखी जाएगी ताकि मैदान गीला न हो।
-स्टेडियम के तीनों दरवाजों से प्रवेश व निकासी रहेगी।
-निकासी के समय भोजन महाप्रसाद पैकेट का वितरण तीनों दरवाजों पर किया जाएगा।
शोभायात्रा की व्यवस्थाओं के मुख्य बिन्दु
-शोभायात्रा व कलश यात्राओं के लिए एक बजे तक नागरिक आरंभ स्थल पर पहुंचेंगे।
-शोभायात्रा व कलश यात्राओं के शुरू होने का समय लगभग समान रखा गया हैं
-जैसे ही मुख्य शोभायात्रा शुरू होगी, कलश यात्राओं के प्रमुखों को संदेश भेजा जाएगा ताकि वे कलश यात्राएं शुरू कर सकें।
-डांडिया यात्रा भी फतह स्कूल से शुरू होने वाली कलश यात्रा के साथ रहेगी।
-शोभायात्रा व कलश यात्राओं में डीजे साथ नहीं चलेंगे।
-डीजे के लिए मार्गों में अलग-अलग स्थान निर्धारित रहेंगे जहां वे स्थिर रहेंगे।
-डीजे पर चलने वाले गीत भी निर्धारित होंगे।
-शोभायात्रा व कलश यात्राओं के आरंभ स्थल पर पेयजल की व्यवस्था रहेगी।
-मार्ग में भी पेयजल की व्यवस्था रहेगी।
By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!