-छुट्टी के दिन सुबह से शाम तक जिलेभर में कार्मिकों ने तन-मन से की अपने-अपने कार्यालयों की साफ सफाई
-कलेक्ट्रेट परिसर में कलक्टर ने अधिकारियों सहित श्रमदान कर दिया स्वच्छता का संदेश
-कलक्टर स्वच्छता को बना रहे ‘जन-जन का अभियान’
राजसमंद, 28 सितंबर। आमतौर पर शनिवार को राजकीय अवकाश होता है और अधिकारी-कर्मचारी अवकाश पर रहते हैं, लेकिन राजसमंद जिले में यह शनिवार कुछ अलग ही तस्वीर पेश कर रहा था। यहां सुबह से ही सभी सरकारी विभागों के शहर से लेकर गांवों तक समस्त कार्यालय छुट्टी के दिन भी सुबह से शाम तक खुले और अधिकारी-कर्मचारी हाथों में झाड़ू, पोंछा और अन्य सफाई के जरूरी सामान लेकर कार्यालय पहुंचे। कर्मचारियों ने अपने कार्यालयों को सुबह से लेकर दोपहर तक चकाचक साफ कर दिया, जिन फाइलों पर महीनों से धूल जमी थी वह साफ हो गई, कंप्यूटर चमचमाने लगे और सरकारी कार्यालयों के परिसर कुछ ही घंटे में अधिक स्वच्छ दिखाई देने लगे। दरअसल यह अभियान जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की नई पहल ‘माय ऑफिस, क्लीन ऑफिस’ के तहत आयोजित किया गया था जिसके तहत जिले के सभी कार्यालयों में कर्मचारियों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिले में पदभार संभालने के बाद से ही जिला कलक्टर श्री बालमुकुंद असावा ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को जागरूक करने हेतु कई नवाचारों की शुरुआत की है। इनमें से उनकी एक नवीन पहल ‘माय ऑफिस, क्लीन ऑफिस’ अभियान की जिलेभर में सराहना हो रही है, जिसमें सरकारी कर्मचारी अपने-अपने कार्यालयों की सफाई में जुटे हुए हैं।
कलक्टर ने कलेक्ट्रेट में श्रमदान कर की साफ-सफाई- कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने स्वयं इस अभियान में भाग लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में श्रमदान किया, जहां उन्होंने खुद साफ-सफाई कर जिले को स्वच्छता का संदेश दिया। उन्होंने स्वयं हाथों में झाड़ू लेकर एडीएम, एसडीओ के साथ साफ सफाई की और कार्यालयों को साफ रखने का संदेश दिया। सुबह से ही कलक्टर यहां प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सफाई अभियान में जुट गए। ऐसा कर कलक्टर ने स्वच्छता को ‘जन-जन का अभियान’ बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर एडीएम श्री नरेश बुनकर, एसडीओ श्री बृजेश गुप्ता, नगर परिषद आयुक्त श्री बृजेश राय सहित कई अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। ऐसे ही सभी कार्मिकों ने मिलकर कलेक्ट्रेट परिसर को चंद ही क्षणों में स्वच्छ बना दिया, जिससे आमजन को भी प्रेरणा मिल रही है। कलक्टर कलेक्ट्रेट के विभिन्न कक्षों में भी पहुंचे और अभियान का पर्यवेक्षण किया। स्वच्छता अभियान के बाद, कलेक्टर श्री असावा ने कलेक्ट्रेट परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया, जहां कलेक्टर ने पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश दिया। परिसर में पौधे लगाकर उन्होंने पर्यावरण को संरक्षित रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
शहर से फ्री होते ही कलक्टर पहुंचे गांवों में, किया श्रमदान- कलक्टर असावा जिला मुख्यालय पर आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम के पश्चात ग्राम पंचायत लाल मादड़ी पहुंचे, जहां ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत आयोजित महाश्रमदान कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में सीईओ जिला परिषद श्री बृजमोहन बैरवा, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कार्मिक, ग्रामीण आदि भी मौजूद रहे। कलक्टर ने इस अवसर पर कहा कि स्वच्छता बनाए रखना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, और सभी को मिलकर गांव को साफ रखने के लिए सतत प्रयास करने चाहिए। उन्होंने उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। आमजन को संबोधित करने के बाद कलेक्टर ने यहां पौधारोपण किया एवं झाड़ू लगाकर, श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश दिया। कलक्टर को सफाई करता देख कार्मिक और स्थानीय लोग भी सफाई में जुट गए।
अभियान से आमजन को मिली प्रेरणा-कलेक्टर बालमुकुंद असावा की इन पहलों से जिले में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है, और आमजन को भी इन अभियानों से प्रेरणा मिल रही है। स्वच्छता का मानव जीवन में अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक कल्याण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। स्वच्छ वातावरण हमें बीमारियों से बचाता है, क्योंकि गंदगी और अस्वच्छता कई प्रकार के संक्रमण और बीमारियों का कारण बनती हैं। नियमित रूप से स्वच्छता का पालन करने से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और कई गंभीर बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि से बचाव होता है।
मानव जीवन में स्वच्छता का सर्वाधिक महत्व- कलक्टर असावा का मानना है कि मानव जीवन में स्वच्छता केवल शारीरिक स्वास्थ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। स्वच्छ वातावरण में रहने से मन और मस्तिष्क को शांति और सकारात्मकता मिलती है, जिससे कार्यक्षमता बढ़ती है। इसके अलावा, समाज में स्वच्छता बनाए रखना एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है। स्वच्छता से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द और सामुदायिक जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार लाता है। स्वच्छता के प्रति जागरूकता से एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज का निर्माण संभव होता है।