
तरल गतिकी में नया प्रायोगिक ढांचा भूकंप की पूर्व चेतावनी देने में मदद कर सकता है
वैज्ञानिकों ने तरल गतिकी में एक नया प्रायोगिक ढांचा विकसित किया है, जो ठोस अनाज को एक साधारण तरल में महत्वपूर्ण अनुपात में मिलाकर बनने वाले अव्यवस्थित नरम ठोस पदार्थों में डीफॉर्मेशन को डिस्क्राइब करता है, जिससे भूस्खलन/भूकंप जैसी विनाशकारी घटनाओं के कारण होने वाली क्षति को कम करने के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने में मदद मिल सकती है।सामग्री प्रसंस्करण उद्योगों में ग्रैन्यलर सिस्टम हमारे चारों ओर मौजूद हैं, जो बड़ी दूरी पर पाइपलाइनों के माध्यम से बहने वाले सूखे अनाज और गारे तथा भूकंप व भूस्खलन जैसी विनाशकारी प्राकृतिक घटनाओं से डील करते हैं।इन प्रणालियों में अनाज…