मेवाड़ की राजशाही परंपरा : राजगद्दी उत्सव के बाद पहली बार डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ सपरिवार द्वारकाधीश मंदिर कांकरोली पहुंचे, मेवाड़ में सुख-समृद्धि की कामना की 

उदयपुर. मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य श्रीजी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ सपरिवार शनिवार को द्वारकाधीश मंदिर कांकरोली पहुंचे। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने गद्दी पर विराजने की परम्परा के बाद पहली बार कांकरोली पहुंचकर अपने कुलगुरु गोस्वामी 108 श्री डॉ. वागीश कुमार के शुभाशीष प्राप्त किए। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपनी पत्नी निवृत्ति कुमारी मेवाड़, सुपुत्री मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़, प्राणेश्वरी कुमारी मेवाड़ और सुपुत्र हरितराज सिंह मेवाड़ के साथ विशेष पूजा-अर्चना कर मेवाड़ में सुख-समृद्धि की कामना की। डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने राजशाही परंपरानुसार डॉ. वागीश कुमार का वेदमंत्रों के बीच स्वागत कर दंडवत प्रणाम कर शुभाशीष प्राप्त किए। वहीं, डॉ. लक्ष्यराज सिंह की मेवाड़ी परंपरानुसार कांकरोली में शाही अगवानी की गई। इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि मेवाड़ प्राचीन काल से ही गुरु-शिष्य परंपरा का निर्वहन करता आ रहा है, आगे भी करता रहेगा। बता दें, मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के दिवंगत सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन के बाद गत 2 अप्रैल को गद्दी उत्सव हुआ, जिसमें कुलगुरु डॉ. वागीश कुमार ने ही डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को राजगद्दी पर विराजने की परम्परा का विधिवत निर्वहन किया था।
By Udaipurviews

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