नौ दिवसीय नवपद ओली आराधना का आगाज, अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने किया आयम्बिल

उदयपुर, 9 अक्टूबर। केशवनगर स्थित अरिहंत वाटिका में आत्मोदय वर्षावास में हुक्मगच्छाधिपति आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. एवं उपाध्याय श्री जितेश मुनि जी म.सा. की निश्रा  में नौ दिवसीय नवपद ओली की आराधना बुधवार से प्रारम्भ हुई।
श्रीसंघ अध्यक्ष इंदर सिंह मेहता ने बताया कि आचार्य श्री एवं उपाध्याय प्रवर की निश्रा में बुधवार से आयोजित नवपद ओली की आराधना प्रारम्भ हुई। नवकार भवन में धर्म-ध्यान एवं तप-त्याग के ठाठ लगे हुए है, उसी कड़ी में आज आराधना के प्रथम दिन अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने आयम्बिल किया। वहीं अरिहंत वाटिका में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. ने कहा कि मनुष्य में उपदेश से , सम्पर्क से  और स्वाभाविक रूप से रूचि जागृत होती है। प्रभु महावीर कहते हैं कि द्रव्य, क्षेत्र, काल, नाम, स्थापना एवं भाव सम्यक् दर्शन एवं निसर्ग रूचि प्राप्त करने में सहायक बनते हैं। निसर्ग रूचि की चार फलश्रुतियां हैं :-  सादगी, क्षमा, नम्रता और मैत्री का भाव। सादगी जैसा कोई सौंदर्य नहीं है, क्षमा स्वयं में अतुलनीय बल है, सम्यक्त्व प्राप्त निसर्ग रूचि सम्पन्न लोगों में नम्रता स्वाभाविक रूप से आ जाती है। ऐस व्यक्तित्वों का सबके प्रति मैत्री भाव रहता है। मिट्टी के मटके की तरह हमारा शरीर भी मिट्टी से ही बना है और एक दिन मिट्टी में ही मिल जाएगा तो फिर इंसान घमण्ड किस बात का करता है? हमें विनाशी शरीर आदि से ध्यान हटाकर अविनाशी आत्मा पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। इस हेतु निसर्ग रूचि हमारी फाउण्डेशन है। इस मजबूत नींव पर मोक्ष का मार्ग तय कर मोक्ष की मंजिल बनायें। उपाध्याय श्री जितेश मुनि जी म.सा. ने कहा कि हम मन, वचन, काया का सदुपयोग करेंगे तो जीवन में सरलता आएगी व दुरुपयोग करेंगे तो वक्रता आएगी। ऐसा होने पर अशुभ नामकर्म का बंध होता है। यदि कभी मन खराब हो भी जाए तो भाषा को खराब न होने दें। भाषा सही रहेगी तो प्रवृत्ति भी सही रहेगी। सोडा लेमन की बोटल में फंसी अंटी की तरह हमारे गले में माया व आसक्ति की गोली फंसी पड़ी है जो भीतर की अशुद्धि को बाहर नहीं निकलने देती व उपदेश के अमृत को भीतर नहीं जाने देती। अतः माया को छोड़ें, सरल बनें व जीवन को धन्य बनाएं। श्रद्धेय श्री विनोद मुनि जी म.सा. नौ दिनों तक गोशालक चरित्र का वांचन करेंगे। मंत्री पुष्पेन्द्र बड़ाला ने बताया कि आज इंदौर के जानकी नगर से श्रीसंघ उपस्थित हुआ। वहीं 16-17 अक्टूबर को आयोजित होने वाले 28 वें राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं ।

By Udaipurviews

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