उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने चातुर्मास के अवसर पर प्रातः कालीन धर्म सभा में कहा कि भगवान महावीर की वाणी जीवन का कल्याण करने वाली होती है। जिन्होंने महावीर की वाणी का अनुसरण किया इसके अनुसार अपने जीवन को जिया तो उसके जीवन का उत्थान और जीवन का कल्याण सुनिश्चित है।
उन्होंने कहा कि आजकल मनुष्य का जीवन उस भंवरे की तरह हो गया है जो फूल पर बैठकर उसका रसपान करता है। वह रसपान में इतना लीन हो जाता है कि वह यह जान नहीं पता है कि फूल की पंखुड़ियां रात होते ही बंद हो जाएगी और वह उसमें बंद होकर उसका अंत कर लेगा। मनुष्य भी इसी भंवरे का अनुसरण करते हुए सांसारिक मोह माया में इतना तल्लीन और व्यस्त हो गया है कि उसे धर्म आराधना, धर्म साधना और प्रभु की वाणी को सुनने का समय ही नहीं मिल पाता है। सांसारिक मोह माया में फंसकर कब उसके जीवन का अंत हो जाता है उसे खुद को नहीं पता चलता है। अगर हमें हमारे जीवन का कल्याण करना है तो हमें भंवरे की तरह संसार के रसपान से दूर होकर धर्म आराधना में अपने मन को लगाना होगा। इसलिए कल करना है वह आज करो और आज करना है इसकी शुरुआत अभी से करो।
उप प्रवर्तक अमृतमुनि श्री ने कहा कि कोई दो दिन पहले जाता है कोई दो दिन बाद में जाता है जाना सभी को है। इसलिए इस संसार से जाने से पहले प्रभु की वाणी और धर्म आराधना अगर आप कर लेंगे तो आपकी आत्मा का कल्याण हो सकेगा। जब आपकी भावना पवित्र होगी तो पुण्य कर्म का उदय भी होगा। संसार में हम जैसा कर्म करेंगे हमारा कर्मबंध भी वैसा ही होगा। हमें निरंतर कर्मों का बंध होने से रोकना है। जीवन में जो भी कार्य करें चाहे धर्म आराधना हो, व्यापार हो, व्यवसाय हो या कोई भी काम हो, उसे हमेशा हंसते हंसते ही करना चाहिए। लेकिन जीवन में याद रहे जो प्रभु की वाणी और धर्म आराधनाना से दूर रहता है वह ना तो स्वयं का कल्याण कर पाता है और नहीं अपनी आत्मा का कल्याण कर सकता है। इसलिए अपने आत्म कल्याण के लिए धर्म आराधना और प्रभु महावीर की वाणी सतत सुनकर उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए।
महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने बताया कि चातुर्मास काल से लेकर अभी तक लगातार नवकार महामंत्र के जप्यानुष्ठान एवं घर आराधना लगातार चल रही है। धर्म सभा में बाहर से आए हुए अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया गया।
महावीर की वाणी जीवन का कल्याण करने वालीःसुकनमुनि
