वाणिज्य विषय में सर्टिफिकेट कोर्स की महती आवश्यकता – प्रो सुनीता मिश्रा

आईआईए उदयपुर ब्रांच एवम राजस्थान विद्यापीठ के संयुक्त तत्वाधान में वाणिज्य शिक्षारू चुनौतियां एवं संभावना विषय पर राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन
उदयपुर 02 अक्टुबर / भारतीय लेखांकन परिषद उदयपुर शाखा एवं जनार्दन राय नगर विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में राजस्थान विद्यापीठ के कंप्यूटर सूचना प्रौद्योगिकीय सभागार  उदयपुर में वाणिज्य शिक्षा चुनौतियां एवं संभावना विषय पर राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन  किया गया!
सेमिनार निदेशक एवं आईआईए के सचिव प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत ने अपने स्वागत उद्बोधन में बताया कि राजस्थान में वाणिज्य शिक्षा के गिरते हुए रुझान के कई कारणों में से मूल कारण स्कूल में वाणिज्य विषय को न पढ़ाया जाना है।  भारतीय लेखांकन परिषद,उदयपुर शाखा ने पहल की और कक्षा 6 से कक्षा 10 तक का वाणिज्य विषय का पाठ्यक्रम बनाकर स्कूली स्तर से ही वाणिज्य विषय को पृथक रूप से लागू करने का सुझाव राजस्थान सरकार तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया
सेमिनार के मुख्य अतिथि एवं कुलपति, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रो. सुनीता मिश्रा ने अल्प-अवधि प्रमाण पत्र कार्यक्रम के माध्यम से वाणिज्य शिक्षा की जागरूकता बढाकर रोजगार के अवसर पैदा किया जा सकते हैं!
सेमिनार के अतिथि एवं राजस्थान स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल, जयपुर के उपाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. डी.एस.चुंडावत ने बताया कि कक्षा 6 से ही वाणिज्य विषय को पृथक विषय के रूप में संचालित करने का आईआईए के प्रस्ताव की सराहना की।
सेमिनार के मुख्य वक्ता एवं निदेशक, गीतांजलि इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट प्रो. पी.के जैन  ने वाणिज्य शिक्षा में वोकेशनल कार्यक्रम, सॉफ्ट स्किल्स शिक्षण प्रशिक्षण एवं शिक्षण की जगह सीखना गतिविधियों पर जोर दिया!
आईआईए उपाध्यक्ष प्रो. के. के. दवे ने कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के पाठ्यक्रम समिति द्वारा बनाए गए पाठ्यक्रम को प्रस्तुत किया! सेमिनार के अध्यक्ष एवं आईआईए उदयपुर शाखा के अध्यक्ष  एवम राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत ने अपने अध्यक्षीय व्यक्तय में कहा वाणिज्य एवं प्रबंध को एक साथ लाने एवं नवीन तकनीक परिवर्तनों को वाणिज्य के साथ जोड़ने की बात कही साथ ही वाणिज्य विषय को स्कूल स्तर पर लागू करने पर विचार व्यक्त किए ! यह भी आशा व्यक्त की यह एक साइकिल है जो चलती है।
सेमिनार सचिव डॉ लोढ़ा ने बताया की सेमिनार के तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता आई आई आई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जी सोरल  एवं चेयरमैन कॉमर्स कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो मुकेश माथुर ने वाणिज्य शिक्षा के उत्थान के लिए बच्चों एवं अभिभावकों दोनों के लिए काउंसलिंग सेंटर, इंडस्ट्री के साथ जुड़ने, पेशेवर तरीके से शिक्षण, सरकार,समाज एवं सभी अकेडमिशियन को इसके उत्थान के लिए साझा प्रयास करने की बात कही! तकनीकी क्षेत्र में 15 से अधिक प्रतिभागियों ने वाणिज्य शिक्षा मे गिरते हुए रुझान के विभिन्न कारणों पर प्रकाश डाला। लेखा एवम सांख्यिकी विभाग की रिसर्च स्कॉलर  सी. ए. अनिमा चोर्डिया को सर्वश्रेष्ठ सुझावो के लिए बेस्ट ओरल प्रेजेंटेशन अवार्ड दिया गया। इस अवसर पर प्रो भाणावत, सी.ए कदुनिया तथा डॉ दुर्गा सिंह द्वारा लिखित पुस्तक आयकर का विमोचन किया गया। इसका पीडीएफ मुफ्त में विधार्थियो कोणुपलब्ध है। समारोह का संचालन सेमिनार की ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ शिल्पा लोढ़ा ने किया।

  • मुख्य चुनौतियां
  •  राजस्थान मे 12 में 10लाख विधार्थियो में से कॉमर्स के केवल 29030 विद्यार्थी ही  तथा लगभग 13250 स्कूल में से  लगभग 924 विध्यालयो मे ही वाणिज्य विषय का शिक्षण हो रहा है।
  • वाणिज्य शिक्षा का पाठ्यक्रम प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में नगण्य रूप से शामिल है आर्ट्स, विज्ञान के विषय को ज्यादा वेटेज.  गौर करने की बात यह है की अकाउंटेंट की परीक्षा में अकाउंटिंग का पाठ्यक्रम एक तिहाई है।
  • वाणिज्य क्षेत्र की सरकारी नौकरी यथा अकाउंटेंट, अंकेक्षक इनकम टैक्स ऑफिसर में भी साइंस एवम आर्ट्स सहित सभी विषयो के  अभ्यर्थियों के लिए खोलने से इस विषय मे रोजगार के अवसरों को सीमित हो गए है।
  • मात्र 14ः विधार्थी ही राज्य मे वाणिज्य विषय का चयन किया जा रहा है!
  • स्कूल में दसवीं तक वाणिज्य विषय अलग से नही होने से थर्ड एवम सेकंड ग्रेड टीचर्स की वेकेंसी खत्म हो गईं।
    सुझाव
  • वाणिज्य विषय के पाठ्यक्रम मे प्रैक्टिकल भाग को शामिल करना जैसे प्रैक्टिकल इनकम टैक्स।
  • विधार्थियो मे सॉफ्ट स्किल्स विकसित करना, विधार्थियो एवं अभिभावको दोनों की कॉउंसलिंग करना, वाणिज्य विषय की सरकारी नौकरी के लिए वाणिज्य विधार्थियो के लिए आरक्षित करना, वाणिज्य के पाठ्यक्रम को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं मे बढाना, शिक्षको का प्रशिक्षण, इंडस्ट्री,समाज एवं सरकार के साथ जुड़कर इस क्षेत्र मे रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर वाणिज्य शिक्षा का उत्थान किया जा सकता है!
    कार्यक्रम के अंत में सेमिनार सचिव डॉ. पुष्पकांत ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
    सेमिनार में एसईआरटी  काउंसिल के निदेशक कविता पाठक, आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर जी. सोरल, प्रोफेसर एस. एल. मेनारिया, आईआईए ट्रेजर सीए अभय जारोली, सेमिनार सचिव शिल्पा लोढ़ा, शिल्पा वर्डिया, सीए हेमंत कडूनिया, डॉ दुर्गा सिंह एवं डॉ. पिंकी सोनी एवं राज्य के विभिन्न जगहों से 100 से अधिक फैकल्टी मेंबर्स एवं शोधार्थियो ने राज्य स्तरीय सेमिनार मे भागीदारी दी!
By Udaipurviews

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