भीलवाडा, 15 जून। कृषि विज्ञान केन्द्र अरणिया घोड़ा शाहपुरा पर वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने आह्वान किया कि किसान आमदनी बढाने के लिए खेती के साथ बागवानी एवं पशुपालन भी अपनाये।
डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि केन्द्र के वैज्ञानिक नवीनतम कृषि तकनीको को किसानों तक पहुँचाए एवं गतिविधियों का प्रभाव किसान के खेतों में दिखाई दे। कम पानी एवं कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए मोटा अनाज ज्वार, बाजरा, सांवा, कंगनी एवं रागी उगाने एवं इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करने की बात कही। कृषि का पहला आधार उन्नत बीज बताते हुए प्रतापधन मुर्गी के प्रदर्शन जनजातीय क्षेत्रों में देकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता जताई।
प्रबन्ध कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. एस.आर मालू ने केन्द्र पर मातृवृक्ष बगीचे में फलदार पौधों की पौध तैयार कर किसानों को उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। प्रबन्ध कार्यकारिणी के सदस्य विष्णु कुमार पारीक ने बताया कि जिले सभी किसान कृषि विज्ञान केन्द्र पर नही पहुँच पाते है अतः केन्द्र की सभी तकनीके प्रत्येक तहसील में पहुँचाकर किसानों को लाभान्वित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
डॉ. आर. ए. कौशिक निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि वन विभाग से समन्वय स्थापित कर वन महोत्सव मनाया जावे एवं केन्द्र के परिसर में छायादार वृक्ष लगाये जायें। डॉ लोकेश गुप्ता, डीन सीडीएफटी महाविद्यालय उदयपुर ने पशुचालित कृषि यन्त्रों का उपयोग करने एवं जनजातीय क्षेत्रों में मुर्गियों के प्रदर्शन आयोजित करने का सुझाव दिया। डॉ. मनोज महला, छात्र कल्याण अधिकारी ने मोटे अनाज के प्रसंस्करण एवं विपणन के क्षेत्र में काम करने का सुझाव दिया। डॉ. पोखर रावल. सह आचार्य पौध व्याधि ने किसानों का ध्यान मशरूम की खेती की ओर आकृष्ट करने एवं ट्राइकोडर्मा को उपयोग में लाने की बात कही।
प्रोफेसर डॉ. लतिका व्यास, ने कृषि में महिलाओं की भागीदारिता बढ़ाने पर जोर दिया। परीक्षा नियन्त्रक एस. के. इन्टोदिया ने दलहनी फसलों का प्रसंस्करण एवं कृषक उत्पादक संगठन बनाने का सुझाव दिया। सुश्री वसुन्धरा, एजीएम नाबार्ड ने कृषक हितार्थ नाबार्ड योजनाओं की जानकारी दी।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने वार्षिक प्रगति प्रगतिवेदन एवं आगामी कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण देते हुए केन्द्र की गतिविधियों से अवगत कराया। इस अवसर पर केन्द्र द्वारा प्रकाशित वर्मीकम्पोस्ट किसानों के लिए वरदान नामक फोल्डर का विमोचन किया गया एवं सजीव इकाईयों सिरोही बकरी, वर्मीकम्पोस्ट, प्राकृतिक खेती, कम्पोस्ट पिट, नर्सरी, श्री अन्न वाटिका, जैव विविधता पार्क, मातृवृक्ष बगीचा एवं ओपन वेल का उद्घाटन किया गया। कुलपति के कर कमलो द्वारा किसानों को बीज भण्ड़ारण कोठी का वितरण किया गया। बैठक में कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ. एल. एल. पंवार, बारानी, कृषि अनुसंधान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एल.के. छाता, विशेषाधिकारी डॉ. एस.डी. धाकड़, डॉ. जे.के बालियान, सहायक कृषि अधिकारी रज्जाक मोहम्मद, प्रभु लाल जाट, राजीविका के डीपीएम शिवप्रकाश, राम चौधरी, प्रगतिशील कृषक मनोज मीणा, रामलाल गुर्जर, श्रीमती लाली देवी ने भी अपने विचार साझा किए।
बैठक में फार्म मैनेजर गोपाल लाल टेपन, तकनीकी सहायक हेमलता मीणा, महेश सुवालका एवं प्रकाश कुमावत उपस्थित थे। बैठक के अन्त में उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानिया ने अतिथियों का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया।