तीन आरोपी गिरफतार, तीनों दोस्तों द्वारा पूर्व प्लानिंग कर कत्ल की घटना को दिया था अंजाम
• हत्या को दुर्घटना का रूप देना चाहा, पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ किया खुलासा
जयपुर 20 अप्रैल। जालौर जिले के आहोर थाना इलाके में हुए ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर पुलिस ने तीन आरोपियों पुरा राम घांची पुत्र हेमाराम (39), लखमा राम घांची पुत्र हेमाराम (46) निवासी सामुजा हाल राजेंद्र नगर एवं नरेंद्र दास उर्फ नीतू वैष्णव पुत्र बजरंग दास (30) निवासी वर्धमान कॉलोनी आहोर को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने राजेंद्र नगर निवासी भैरू लाल राव की हत्या कर लाश शंखवाली से जोगावा रोड़ पर डाल कर सड़क दुर्घटना का रूप देने चाहा था।
एसपी ज्ञान चन्द्र यादव ने बताया कि 17 अप्रैल की शाम जोगावा से शंखवाली जाने वाली रोड पर एक दुर्घटना ग्रस्त बाइक व पास में एक मृत व्यक्ति पड़ा होने की सूचना पर एसएचओ आहोर नरपत सिह मय जाब्ता के घटनास्थल पहुंचे। लाश से बदबू आ रही थी। मृतक के जेब से मिले आधार कार्ड से पहचान भैरू सिह राव पुत्र बाबू लाल (36) के रूप में हुई। मृतक के भाई संतोष कुमार द्वारा अज्ञात के विरुद्ध हत्या कर घटना को एक्सीडेंट का रूप देने के संदेह करने पर प्रकरण पंजिबद्ध किया जाकर अनुसंधान शुरू किया गया।
अनट्रेस हत्या की गुत्थी सुलझाने के प्रयास
एसपी यादव द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर प्रकरण को ट्रेस आउट करने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोटाराम व सीओ आहोर जयराम के सुपरविजन एवं थाना प्रभारी आहोर नरपत सिंह के नेतृत्व में अलग-अलग टीमो का गठन किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एएसपी मोटाराम का मुख्यालय पुलिस थाना आहोर पर रखा गया। घटना स्थल पर साक्ष्य एकत्रित करने एमओबी टीम, तकनीकी टीम, बाड़मेर से एफएसएल टीम द्वारा निरीक्षण कर साक्ष्य डवलप किये गये। डॉग स्क्वाड को मौके पर बुला घटना स्थल का निरीक्षण कराया गया।
डीसीआरबी जालोर टीम द्वारा घटना स्थल से बीटीएस लेकर संदिग्ध मोबाईल नम्बरों की कॉल डिटेल मंगवा कर विश्लेषण कर मृतक तथा संदिग्धो की कॉल डिटेल के आधार पर तीनों संदिग्ध पुरा राम, लखमा राम व नरेन्द्र दास को दस्तयाब कर पूछताछ करने पर उनके द्वारा भैरूसिंह राव की हत्या स्वीकार करने पर गिरफ्तार किया गया।
घटना का कारण और तरीका
भैरू सिंह ने करीब तीन महीने पहले अभियुक्त पुराराम को रावलावास स्थित एक भूखण्ड का सात लाख में सौदा कर 2 लाख रुपये प्राप्त किये थे। बाकी पांच लाख रूपये ना देना पड़े इसके लिए पुराराम ने लखमा राम व नरेन्द्र दास उर्फ नीतु के साथ प्लानिंग कर भैरूसिंह की हत्या करने का षड़यंत्र रचा।
इसके लिए 15 अप्रैल की रात करीब 10-11बजे के करीब लखमा राम के घर के पास स्थित सूने मकान मे भैरू सिंह को बुला शराब पिलाकर सिर मे लोहे की रॉड मार हत्या कर दी। लाश को उसी घर में छिपाकर रखी गई। अगली रात पुराराम की स्वीफ्ट कार में लाश डालकर मृतक की बाइक को भी तीनों साथ जोगावा से ग्राम शंखवाली की ओर जाने वाली सड़क पर ले गए।
घटना को सड़क दुर्घटना का रूप देने के लिए मृतक बाइक को रोड़ पर डाल कर तोड-फोड की गई, रोड़ पर कार के ब्रेक मार कर टायर घसीटने के निशान बनाये गये ताकि यह घटना किसी वाहन से दुर्घटना होने की लगे। फिर मृतक को रोड़ पर पटक कर उसके मुंह के आगे खून गिरने के आशय से लाल कलर का रंग डाला गया।
मृतक के मोबाईल फोन की लॉकेशन ट्रेसआउट नही हो, इसके लिए षड़यंत्र रचते समय खरीदे गये खराब मोबाईल मे मृतक की सीम डालकर मौके पर फैंक अपने-अपने घर आ गये। आरोपी लखमा राम के विरुद्ध पूर्व में चोरी के दो प्रकरण दर्ज हैं।
प्रकरण को ट्रेस आउट करने मे साइबर सेल के कांस्टेबल किशन कुमार एवं थाना आहोर के कांस्टेबल सुरेश मेन्सन की विशेष भूमिका रही। टीम में थाना आहोर से एसएचओ नरपत सिंह चंपावत, एएसआई बहादुर खान, किशन लाल, हेड कांस्टेबल रणजीत सिंह, रामेश्वर लाल, कांस्टेबल महेश कुमार, केसाराम, मेवाराम, पुनीत देवासी, सुरेश कुमार, पुखराज, देवाराम, सुरेश मेंशन, विक्रम सिंह, निरंजन सिंह, रणछोड़ा राम, एसपी ऑफिस की विशेष टीम से एसआई मीठालाल मय एमओबी टीम जालोर, एसएचओ महिला थाना अनु चौधरी, एएसआई जयसिंह, हैड कांस्टेबल छत्रपाल साईबर सैल, नरपत लाल, कांस्टेबल थानाराम, खेमराज, किशन कुमार साईबर सैल जालोर व अशोक कुमार शामिल थे।