उदयपुर। भाद्रपद माह के अनन्त चतुर्दशी के पावन अवसर पर प्रथम पूज्यदेव विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी को श्री महाकालेश्वर मंदिर स्थित गंगाघाट पर स्नान करवा कर एवं महाआरती की गई। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश को विध्नहर्ता और सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है।
प्रन्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के शुभ मुहुर्त में प्रथम पूज्यदेव विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी को रजत पालकी में महाकालेश्वर मंदिर के सभागार में विराजित किया गया एवं गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। महाकालेश्वर मंदिर के सभागार में विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी की 10 दिवसीय विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया। रजत पालकी विराजित श्रीगणेश जी को भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को मंदिर के सभागार में पूजा अर्चना के पश्चात् विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी को सभी भक्तजन के साथ मंदिर के गंगाघाट पर ले जाया गया जहां भगवान श्रीगणेश जी की गंगाघाट पर आरती की गई। सभी भक्तजन व श्रद्धालुओं ने विघ्नहर्ता से अच्छे स्वास्थ्य एवं मंगल कामनाओं के साथ भगवान श्री गणेश जी को गंगाघाट में स्नान करवा कर पुनः मंदिर के दक्षिणी द्वारा होते हुए मंदिर के गर्भगृह मेें यथास्थान पर विराजित किया गया। इसके पश्चात् पुनः महाआरती की गई। आज के इस अनन्त चतुर्दशी व गणेश पूजन में श्री तेजशंकर पालीवाल, के.जी. पालीवाल, भंवर जी पालीवाल, सुनील साहिल भट्ट, विनोद कुमार शर्मा, रमेश जी राजपूत, द्रुपद सिंह चैहान, देवकिशन राव, सुरेन्द्र मेहता, ममता भारद्वाज, प्रतिक्षा मेहता, जागृति पंवार, कंचन, देवांश क्षौत्रीय, राहुल मेघवाल, घर्मपाल आदि उपस्थित रहेे। साथ ही महिला भक्तजन उपस्थित रहें।