डूंगरपुर, 15 जुलाई (ब्यूरो)। एक बार फिर से भील प्रदेश बनाने की मांग उठी हैं। सोमवार को भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले चार राज्यों में ज़िला स्तर और ब्लॉक स्तर प्रदर्शन किया गया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर भील प्रदेश बनाने की मांग की है। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी एकत्रित होकर को रैली के रूप में उपखंड कार्यालय और कलेक्टरी पहुंचे जहां पर चार राज्यों को जोड़कर अलग से राज्य बनाने को लेकर नारेबाजी की है। भारत आदिवासी पार्टी के जिला अध्यक्ष अनुतोष रोत ने कहा कि, भील प्रदेश की मांग सालों से चली आ रही है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य के आदिवासी बहुली क्षेत्र को अलग कर एक नया राज्य बनाया जाए। भील प्रदेश बनने से आदीवासी बाहुल क्षेत्र में रहने वाले सभी वर्ग के लोगों का विकास होगा। इसके आलावा आज किसी काम के लिए जयपुर जाना पड़ता है। जिसकी दूरी 600 किलोमीटर है। ऐसे में अलग से राज्य बनने लोगों इतना दूर नही जाना पड़ेगा। आदिवासी नेता कांति आदिवासी ने बताया कि, अभी तक आदिवासी अपने हक अधिकार से वंचित है। अलग राज्य बनने से उस राज्य का ध्यान सिर्फ़ उस राज्य के लोगों पर होगा जिसे की यहां के लोगों समाज की मुख्य धारा में जोड़ा जाएगा। आज भी आदिवासियो के साथ दुर्व्यवहार और शोषण की खबरें आए दिन सामने आती हैं।
फिर उठी भील प्रदेश बनाने की मांग, जिलेभर में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन
