उदयपुर । प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही उदयपुर नगर निगम में मनोनीत कांग्रेसी पार्षदों को भी हटा दिय गया। अब इन पूर्व मनोनीत पार्षदों ने उदयपुर के विकास के लिए लड़ाई जारी रखने का ऐलाना किया है।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह जनता के मुद्दों पर लड़ाई जारी रखेंगे। अजय पोरवाल का कहना था कि उन्होंने एमबी अस्पताल में गलत तरीके से पार्किंग ठेके दिए जाने का विरोध किया था। अब फिर से वही काम शुरू कर दिया गया, जिसका विरोध वह जारी रखेंगे। तब वह इसे रोकने में सफल हो गए थे लेकिन अब संघर्ष करना होगा। पारस सिनेमा से लेकर कोर्ट चौराहे तक एलिवेटेड रोड को केवल चुनावी मुद्दा बनाने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब इसे फिर से बनाए जाने को लेकर आंदोलन शुरू करेंगे। विधायक बने ताराचंद जैन नगर निगम निर्माण समिति में अध्यक्ष के तौर पर इसे शुरू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन काम एक साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया।
भूखंड मामले को ले जाएंगे हाईकोर्ट
पूर्व पार्षद पोरसवाल का कहना है कि नगर निगम में 272 भूखंडों का जो मुद्दा उन्होंने उठाया था, उसकी जांच एसओजी में चल रही है लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। इसके लिए वह हाईकोर्ट में जाएंगे।
पूर्व मनोनीत पार्षद मदन सिंह बावरवाल, विनोद जैन, रवीन्द्र पाल सिंह कप्पू, गोपाल राय नागर, बतुल हबीब आदि ने वे सभी काइन हाउस से 300 गायों को केवड़े की नाल में छोड़े जाने, टाउनहाल हाथी वाले पार्क, आयड़ नदी के विकास, पट्टों के नाम पर निगम के आवेदकों से 1575 रुपए की वसूली मामला, उदयपुर सिटी स्टेशन के समाने अवैध बस्ती, गुलाबबाद के अंदर 51 लाख की लागत से बने शौचालय में घोटाला, कमलतलाई के विकास में घोटाले आदि को लेकर जनता के बीच जाएंगे तथा आंदोलन करेंगे।
पूर्व मनोनीत पार्षदों ने कहा उदयपुर के विकास के लिए जारी रखेंगे लड़ाई
