उदयपुर। परम पूज्य स्वामी जी अनन्तराम शास्त्री जी ने बताया उनकी पुरुषोत्तम मास कथा की शुरुआत कांकरोली से हुई और समापन उदयपुर में होगा । अनन्तराम जी शास्त्री जी ने बताया कि देवी देवताओं ने मनुष्यो को भाग्यशाली बताया श्रीमद भागवत कथा के लिए सारे के सारे देवी देवता भी तरसते है। प्रथम दिवस पर श्रीमद भागवत पुराण की महिमा को बताया कि भगवान क्या है, भगवान कहते किसको है, उन्होंने कहा कि सत्यस्वरूप जो सदा सर्वदा एक जैसा रहे वो भगवान है एवं भगवान कभी पुराने नहीं होते।
स्वामी जी ने कहा कि संसार में तीन प्रकार के ताप होते हैं पहला आदि भौतिक दूसरा आध्यात्मिक और तीसरा आदिदेविक, और भगवान की शरण जाने से सभी तापो से मुक्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि अमृत पांच प्रकार के होते पहला नाम अमृत, दूसरा लीला अमृत, तीसरा रूप अमृत, चौथा कथा अमृत, पांचवा धाम अमृत जो मनुष्य कथा अमृत का पान करता है उसको सारे अमृत पान हो जाते है। अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) में दान, धर्म, पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में व्रत उपवास करने से मनुष्य को कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है। इस महीने में पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा पढ़ने से भगवान विष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यह मास हर व्यक्ति विशेष के लिए तन-मन से पवित्र होने का समय होता है। इस दौरान श्रद्धालुजन व्रत, उपवास, ध्यान , योग और भजन- कीर्तन- मनन में संलग्न रहते हैं और अपने आपको भगवान के प्रति समर्पित कर देते हैं। इस तरह यह समय सामान्य पुरूष से उत्तम बनने का होता है, मन के मैल धोने का होता है।.
श्री पुरूषोत्तम मास महापुराण सेवा समिति उदयपुर के मीडिया प्रभारी दिनेश हाड़ा ने बताया की कथा की शुरूआत कलश यात्रा से प्रारंभ हुइ , जिसमें महिला और पुरुष शामिल हुए और बैंड बाजो के भजनों पर नृत्य करते हुए कथा स्थल पर पहुंचे और प्रथम दिवस की कथा का श्रवण किया एवं समापन पर आरती की एवं प्रसाद वितरण किया गया।