कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनेगी फिल्म द टेलर मर्डर स्टोरी

जॉनी फिरफिक्स के बैनर तले फिल्म बनाने जा रहे अमित जानी, कन्हैया के परिजनों की मिली सहमति
-राजेश वर्मा

उदयपुर 28 जून। आज से ठीक एक साल पहले 28 जून को उदयपुर की एक घटना से पूरा देश दहल उठा था। आतंकी सोच के दो युवकों ने सिलाई का काम कर परिवार का पेट पालने वाले शांत स्वभाव के कन्हैयालाल साहू की बेरहमी से हत्या कर दी थी। तालिबानी तरीके से साजिश और सोच के साथ लाइव की गई हत्या कुछ ही मिनटों में शहर ही नहीं, देश-विदेश में सुर्खियां बन गई। एक साल के दौरान बहुत कुछ बदला लेकिन कन्हैयालाल के परिजन आज भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं।
एक साल में कन्हैयालाल के परिवार की ही नहीं, इस हत्याकांड के गवाह रहे राजकुमार शर्मा, हत्यारों को पकड़ने वाले दो साहसी युवकों और खुद हत्या करने वालों के परिवारों की जिंदगी की रफ्तार में ब्रेक लग गए। इस हत्याकांड को लेकर उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने अपनी बनाई कंपनी जॉनी फिरफिक्स के बैनर तले कन्हैयालाल हत्याकांड पर फिल्म बनाने की घोषणा की है। इसके लिए वह कन्हैयालाल के परिजनों की स्वीकृति का इंतजार कर रहे थे। काफी समझाइश तथा ना-नुकर के बाद कन्हैया के परिजनों ने फिल की मंजूरी दे दी। जिसके बाद अमित जानी ने द टेलर मर्डर स्टोरी फिल्म का टीजर भी कन्हैयालाल हत्याकांड की पहली बरसी यानी 28 जून को जारी कर दिया। उनकी टीम के सदस्य जल्द ही यहां आएंगे तथा कन्हैयालाल के परिजनों से ही नहीं, बल्कि इस हत्याकांड के गवाह तथा अन्य लोगों से मिलकर तथ्य जुटाएंगे।
अमित जानी बोले, फिल्म इसलिए जरूरी
अमित जानी बताते हैं कि उनके राजस्थान के लगभग 22 हजार लोगों से संपर्क रहा है। उनका मानना है कि कन्हैयालाल हत्याकांड किसी एक मनुष्य की हत्या नहीं, बल्कि यह वीर भूमि मेवाड़ और सभी हिन्दुओं को चुनौती थी। जिसके जरिए उन्होंने संदेश दिया कि हम तो ऐसे ही करते रहेंगे और तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। उन्होंने राजस्थान के सभी लोगों से संपर्क किया और कन्हैयालाल के परिजनों के कान्टेक्ट नंबर मांगे लेकिन एक-दो को छोड़कर किसी को उनके बारे में जानकारी नहीं। तब उन्होंने सोचा कि यह तो एक तरह की बहुत बड़ी भूल है। जिस घटना ने समूचे देश को दहला दिया, उससे जुड़े परिजनों के बारे में लोग भूलने लगे हैं। इसके बाद उन्होंने फिल्म बनाने का निर्णय किया। इसके लिए कन्हैयालाल के परिजनों से संपर्क किया। पहले तो उन्होंने सहमति नहीं दी, लेकिन काफी ना-नुकर और समझाइश के बाद उनकी मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही वह कन्हैयालाल, इस हत्याकांड से जुड़े गवाह, हत्यारों को पकड़ने वाले युवाओं तथा उन सभी लोगों से मिलेंगे, जो उनकी फिल्म में सहायक साबित होंगे।
कन्हैयालाल हत्याकांड से बदली जिनकी जिंदगी
कन्हैयालाल हत्याकांड से उसके परिवार की जिंदगी तो पूरी तरह बदल गई। साथ ही इससे जुड़े लोग, जिनमें गवाह, हत्यारों को पकड़ने वाले लोग ही नहीं, बल्कि हत्या के आरोपियों के परिवार की जिंदगी भी पूरी तरह बदल गई। कन्हैयालाल के घर पर पिछले एक साल से 24 घंटे पुलिस का पहरा रहता है। गलियों में लगाए सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाती है। राज्य सरकार ने कन्हैया के दो बेटों को सरकारी नौकरी दे दी लेकिन वह पुलिस के बिना घर से नहीं निकल पाते। इस हत्याकांड के अहम गवाह राजकुमार शर्मा की जिंदगी तो पूरी ही बदल गई। हंसते चेहरे वाला युवक ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होकर आज बिस्तर पर है। एक साल से पत्नी और पूरा परिवार उसकी सेवा कर रहा है। पांच लाख रुपए के मिला सहयोग उंट के मुंह में जीरा साबित हुआ। परिजन परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही। कन्हैयालाल की हत्या करने गौस मोहम्मद और रियाज मोहम्मद अत्तारी को पकड़ने वाले देवगढ़ के दोनों युवक तब से बेरोजगार हैं औरं उन्हें भयवश कोई काम नहीं देता। दोनों जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस की मांग करते आ रहे हैं। इधर, हत्या के आरोपी रियाज और गौस के परिवार की हालत भी बेहद खराब है। दोनों के परिजनों का कहना है कि उन्हें नहीं पता था उनके बेटे इस तरह की वारदात कर देंगे। वह बेहद शर्मसार हैं। उन्हें अब आतंकी के परिजनों की नजर से देखा जाता है तो लाज आती है, इसलिए कहीं नहीं निकलते। आज उनके परिवार के सभी सदस्य भय के माहौल में जी रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई छूट गई। कहीं से कोई सहायता नहीं मिलती।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!