सीएमएचओ प्रथम ही है उदयपुर जिले के चिकित्सा विभाग के मुखिया, सीएमएचओ द्वितीय को मानने पड़ते हैं प्रथम के आदेश

उदयपुर। राज्य सरकार ने उदयपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का एक और पद गठित किए कई महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक क्षेत्राधिकार को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए। ऐसे में पहले से नियुक्त सीएमएचओ, जिन्हें सीएमएचओ—प्रथम नाम दिया गया है, सीएमएचओ द्वितीय को अधीनस्थों की तरह आदेश—निर्देश दे रहे हैं। ऐसे में दोनों सीएमएचओ के बीच खटाई बढ़ने लगी है और इसका असर चिकित्सा विभाग के कामकाज पर पड़ने लगा है।
मिली जानकारी के अनुसार नया सीएमएचओ पद गठित किए जाने के बाद सीएमएचओ प्रथम पर डॉ. शंकरलाल बामनिया काम कर रहे हैं। जबकि नई नियुक्ति के बाद डॉ.कांतिलाल पलात को सीएमएचओ द्वितीय की जिम्मेदारी सौंपी गई। यूं तो उनकी नियुक्ति को लेकर पहले ही विवाद खड़े हो गए। डॉ. पलात को राज्य सरकार ने 4 फरवरी 23 को राज्य का पहला ऐसा सीएमएचओ नियुक्त किया, जो सेवानिवृत्त हो चुके थे। उनकी सेवानिवृत्ति 28 फरवरी को ही सीएमएचओ डूंगरपुर के पद से हुआ था। इसके बाद दोनों सीएमएचओ के बीच क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद भी हुआ। डॉ. पलात के सेवानिवृत्त होने के बाद नियुुक्ति के चलते डीडीओ यानी आहरण और वितरण के वित्तीय अधिकार नहीं दिए जा सकते, ऐसे में सारे अधिकार सीएमएचओ प्रथम डॉ. शंकरलाल बामनिया के पास ही बने रहे। ऐसे में डॉ.बामनिया उन्हें अधीनस्थों की तरह ओदश और निर्देश प्रदान करते रहे। हालांकि इसको लेकर भी दोनों अधिकारियों के बीच नहीं बनी और डॉ. पलात स्वतंत्र निर्णय लेते रहे। हाल ही खंड स्तरीय चिकित्सा विभाग की बैठक आयोजित किए जाने को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकरलाल बामनिया ने आदेश जारी किए, जिसमें सीएमएचओ द्वितीय डॉ. पलात को खेरवाड़ा और नयागांव खंड की बैठकों की अध्यक्षता करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में डॉ. पलात का पक्ष जानना चाहा लेकिन उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने अभी तक क्षेत्राधिकार नहीं बनाया है। हालांकि वह खेरवाड़ा तथा उस क्षेत्र की व्यवस्थाओं को संभाले हुए हैं। उन्हें नहीं पता कि सीएमएचओ प्रथम भी उनको निर्देश जारी करते हैं।

By Udaipurviews

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