जयपुर, 3 अगस्त। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थान स्टाम्प अधिनियम, 1998 की धारा 49(3) की श्रेणी में आने वाले रिफंड के मामलों में शक्तियां देने के लिए जारी होने वाली अधिसूचना के प्रारूप को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इसके अनुसार पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में अधिक जमा स्टाम्प ड्यूटी के रिफंड की शक्तियां कलक्टर (मुद्रांक) को मिलेंगी।
श्री गहलोत द्वारा विधिक प्रावधानों एवं व्यवहारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि स्टाम्प ड्यूटी के रिफंड मामलों में राजस्थान स्टाम्प अधिनियम, 1998 की धारा 58, 59, 60, 63 एवं 64-क के तहत तथा रजिस्ट्रेशन फीस/पंजीकरण शुल्क के रिफंड मामलों में राजस्थान रजिस्ट्रीकरण नियम, 1955 (भाग-प्रथम) के नियम 79 के तहत कलक्टर (मुद्रांक) ही अधिकृत प्राधिकारी है। इसमें चाहे ऎसी ड्यूटी/शुल्क का भुगतान ई-ग्रास चालान के माध्यम से अथवा अन्य किसी माध्यम से किया गया हो। नियमों में पक्षकार द्वारा 6 माह की अवधि में रिफंड के लिए आवेदन करना होता है।
बजट में सरलीकरण की घोषणा
मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजस्व अर्जित करने वाले अन्य विभागों के साथ-साथ पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में पंजीयन शुल्क एवं स्टाम्प ड्यूटी के रिफंड की प्रक्रिया का सरलीकरण करने की घोषणा की गई थी। उल्लेखनीय है कि पक्षकारों द्वारा स्टाम्प ड्यूटी गलती से अधिक जमा कराने और उप पंजीयक स्तर से भी अधिक स्टाम्प ड्यूटी जमा कर लिए जाने के कारण रिफंड की परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं।