परिवहन विभाग ने 6 व्यवसायियों के खिलाफ की कार्यवाही
उदयपुर, 22 अप्रेल। परिवहन विभाग ने शहर में बिना वैध लाईसेंस के पर्यटकों को दो पहिया वाहन किराए पर देने वाले 6 व्यवसायियों के विरूद्ध कार्यवाही की।
प्रादेषिक परिवहन अधिकारी ज्ञानदेव विष्वकर्मा ने बताया कि जिला परिवहन अधिकारी नितिन बोहरा के नेतृत्व में विभागीय परिवहन निरीक्षकों ने वॉल सिटी एरिया में पर्यटकों को दो पहिया वाहन किराए देने वाले व्यवसायियों की उनके व्यापार स्थल पर जाकर जांच की।
उन्होंने बताया कि बिना वैध लाईसेंस के किराए पर वाहन देने वाले 6 व्यवसायियों के विरूद्ध कार्यवाही कर 6 वाहनों के चालान बनाए और 3 वाहनों को सीज़ किया गया। उन्होंने बताया कि उदयपुर कार्यालय द्वारा रेंट ए बाईक स्कीम में 10 लाईसेंस जारी किए गए हैं। विभाग के ध्यान में आया है कि कई व्यक्तियों द्वारा स्कीम के तहत लाईसेंस प्राप्त नहीं कर दो पहिया वाहनों के सिर्फ परमिट लेकर पर्यटकों को किराए पर दिए जा रहे हैं। जिला परिवहन अधिकारी नितिन बोहरा ने बताया कि बिना लाईसेंस व्यवसाय करने वाले 6 व्यापारियों को पाबंद किया गया है कि वे अपना व्यवसाय तत्काल बंद करें एवं नियमानुसार लाईसेंस प्राप्त करके ही किराए पर वाहन देवें। उन्होंने शहर में तैनात उड़नदस्तों को आदेष दिया है कि बिना वैध लाईसेंस एवं परमिट के व्यवसाय करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जावे एवं अनियमित संचालन पाए जाने पर वाहनों को तत्काल सीज़ कर संबंधित के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया जाए।
’’परिण्डे का उचित प्रबंधन भी नितान्त आवश्यक’’
उदयपुर, 22 अप्रेल। पशु पक्षियों को गर्मी से राहत देने के लिए कई संस्थाओं द्वारा परिण्डों का वितरण किया जा रहा है, किन्तु इन परिण्डों का उचित प्रबंधन करना भी सुनिश्चित करना चाहिए जिससे पक्षियों का स्वास्थ्य भी अनुकूल बना रहे।
यह बात राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित परिण्डे लगाएं पर पक्षियों के स्वास्थ्य का भी रखें ध्यान विषयक संगोष्ठी में संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कही। डॉ. छंगाणी ने बताया कि परिण्डों में पानी अधिक समय तक रहने से उनमें शैवाल (काई) उत्पन्न हो जाती है एवं साथ ही पक्षियों की विष्ठा पानी में गिरने से कई बीमारियों का कारक बन सकती है। अतः समय-समय पर परिण्डों को साफ करना नितान्त आवश्यक हैं ताकि गर्मियों में राहत के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सके। तीव्र गर्मी के कारण अक्सर परिण्डों का पानी भी गर्म हो जाता है। यहगर्म पानी पीने से पक्षियों के आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है। अतः दिन में, दोपहर के समय एक बार परिण्डों का पानी अवश्य बदलना चाहिए अन्यथा पक्षियों का भला कम व नुकसान अधिक कर बैठेंगे। संस्थान के वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. पद्मा मील, डॉ. ओमप्रकाश साहू एवं पशुपालन डिप्लोमा में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने भी विचार रखे।