मनुष्य गलतियों का पुलिन्दाःसंयम ज्योति

उदयपुर। समता मूर्ति साध्वी जयप्रभा की सुशिष्या साध्वी संयम साक्षी ने कहा कि मैन इज बंडल ऑफ मिस्टेक्स मनुष्य गलतियों का पुलिंदा है। जब तक जीवात्मा की छदम्स्थ अवस्था है, मोह, अज्ञान दशा है तब तक उसके द्वारा गलतियाँ हो जाना संभव है परंतु गलती होना एकान्ततः अपराध नहीं है।
साध्वी ने कहा कि अपराध तो गलती को छिपाता हैं, जो व्यकि गलती पर पश्चाताप कर लेता हैं गुरुभगवंत के समक्ष गलती को सह्दय सरल बन कर बालक की तरह प्रगट कर देता है गुरु जो प्रायश्चित देते है उसकी पालना कर लेता है और गलती पुनः न करने का दृढ संकल्प कर लेता है उसकी गलती पश्चाताप की अग्नि में जल जाती है और प्रयश्चित के झरने में धुल जाती है और आत्मा पवित्र पावन बन जाती है।
साध्वी ने कहा कि अपनी गलती की प्रगटीकरण गीतार्थ गुरु के पास करना चाहिए क्योंकि गीतार्थ गुरु सागर के समान गंभीर होते हैं।
साध्वी ने कहा कि गीतार्थ गुरु की खोज 12 वर्ष तक भी करनी चाहिए कदाचित् संयोग नहीं मिले तो अन्तःकरण से पश्चाताप करके आराधक बनना चाहिए।

By Udaipurviews

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