सिटी पैलेस में हाथियों के युद्ध अभ्यास करने का प्राचीन दृश्य फिर जीवंत हुआ, भावी पीढ़ी देख-सुन सकेगी यह गौरवशाली इतिहास 

सिटी पैलेस में नवनिर्मित फाइबर के दो हाथियों का राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने उद्घाटन किया
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उदयपुर। सिटी पैलेस के हाथी अगड़ में हाथियों को महावतों के माध्यम से युद्ध अभ्यास कराने के प्राचीन दृश्य को जीवंत कर दिया गया है। यहां युद्ध अभ्यास करते फाइबर के नवनिर्मित दो हाथियों का उद्घाटन सोमवार को पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने विधिवत किया। हाथियों के उद्घाटन समारोह के दौरान राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास के पन्नों में महाराणा प्रताप के हाथी रामप्रसाद का नाम भी दर्ज है। स्वामी भक्त हाथी रामप्रसाद ने विदेशी आक्रांता अकबर की सेना से युद्ध किया। विदेशी आक्रांता जब हाथी रामप्रसाद को बंदी बनाकर ले गए तो हाथी रामप्रसाद ने अन्न-जल त्याग कर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। क्योंकि, हाथी रामप्रसाद को भी पराधीनता स्वीकार नहीं थी। ऐसा गौरवशाली इतिहास सिर्फ मेवाड़ का ही है जहां स्वाधीनता की लड़ाई में बेजुबान हाथियों ने भी अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। मेवाड़ के हाथियों के इस गौरवशाली इतिहास को अब सिटी पैलेस आने वाली भावी पीढ़ी भी देख और सुन सकेगी। वह समझ सकेगी कि प्राचीन काल में कैसे हाथियों को युद्ध कौशल में पारंगत किया जाता था। राज्यपाल कटारिया ने कहा कि मेवाड़ राजपरिवार भारत का एक मात्र राजपरिवार है, जो सदियों से धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए न्यौछावर होता रहा है। मेवाड़ गौरव बप्पा रावल से लेकर महाराणा प्रताप तक के त्याग, बलिदान, शौर्य, पराक्रम की गौरवगाथा भी अनूठी है। ऐसे गौरवशाली मेवाड़ राजवंश के कुलदीपक डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए आमंत्रित किया। राज्यपाल कटरिया ने कहा कि उदयपुर को दुनिया में पर्यटन नगरी के रूप में बड़ी पहचान मिली है, जिसका श्रेय महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ को जाता है। महाराणा भागवत सिंह की इस पुनीत सोच को श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके सुपुत्र डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ आगे बढ़ाकर मेवाड़ के हजारों परिवारों को रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
-समरोह में सांसद गरासिया, सांसद डॉ. रावत, विधायक जैन, विधायक मीणा विधायक मीणा की रही विशेष मौजूदगी
 मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष डॉ. चंद्रगुप्त सिंह चौहान, मूर्तिकार फकीर चरण परिडा, शहर भाजपा जिला उपाध्यक्ष अतुल चंडालिया आदि का सिटी पैलेस आगमन पर आभार व्यक्त किया।
-डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ इतिहास के आइने से बता रहे- मेवाड़ के महाराणाओं का प्राचीनकाल से ही रहा हाथियों से अथाह प्रेम
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ बताते हैं कि मेवाड़ के सैन्य इतिहास में हाथियों की बड़ी भूमिका रही है। सिटी पैलेस के हाथी अगड़ में हाथियों को युद्ध अभ्यास कराने की प्राचीन परंपरा रही है। इस युद्ध अभ्यास के जरिए हाथियों को युद्ध कौशल और सवारी में पारंगत किया जाता था। हाथियों की देखरेख मेरे पूर्वज (महाराणा मेवाड़) की निगरानी में होती थी। मेवाड़ का हाथियों से प्राचीनकाल से अथाह प्रेम रहा है, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महाराणा संग्राम सिंह (1710 से 1734) ने हाथियों के विश्राम के हाथी बैठक और हाथी ठाण का निर्माण करवाया था। इस ऐतिहासिक विरासत से भावी पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट ने फाइबर के दो हाथियों का उसी प्राचीन शैली में निर्माण करवाया है। इनका निर्माण मूर्तिकार फकीर चरण परिडा ने किया है।
By Udaipurviews

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