पॉजिटिव एवं प्री-एक्टिव रहकर करें कार्य, सेवाओं की गुणवत्ता में हो सुधार – प्रमुख शासन सचिव

उदयपुर में स्टेट रिव्यू मिशन के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा, प्रमुख शासन सचिव ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
उदयपुर, 5 जुलाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने शनिवार को जिला परिषद सभागार में स्टेट रिव्यू मिशन के तहत विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक ली। इस अवसर पर जयपुर से आई टीम ने उदयपुर जिले के विभिन्न ब्लॉकों में एक दिन पूर्व किये किये जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण के आधार पर तैयार प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। प्रमुख शासन सचिव श्रीमती राठौड़ ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने संस्थानों में प्री-एक्टिव रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संस्थानों की कमियों की समय रहते पहचान कर उन्हें दूर किया जाए, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो। बैठक में जिला कलक्टर नमित मेहता, चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक डॉ मधु रीतेश्वर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक आदित्य, आरएनटी प्राचार्य डॉ विपिन माथुर, एमबी चिकित्सालय अधीक्षक आर एल सुमन समेत डिप्टी सीएमएचओ, एडिशनल सीएमएचओ, आरसीएचओ, डीटीओ, फूड एवं ड्रग इंस्पेक्टर सहित जिले के सभी बीसीएमओ, डीपीसी, डीपीएम, बीपीएम और चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी उपस्थित रहे।

जिला स्वास्थ्य समिति में राज्य स्तर पर तय लक्ष्यों के अनुरूप करेंगे समीक्षा –
बैठक में जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि अब जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा राज्य स्तर पर तय लक्ष्यों के अनुरूप की जाएगी। बैठक में स्टेट टीम द्वारा उदयपुर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। मातृ मृत्यु व शिशु मृत्यु की ऑडिट, संस्थागत प्रसव बढ़ाने, फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति, फायर ऑडिट, मां योजना के अंतर्गत क्लेम प्रोसेसिंग आदि मुद्दों पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए। इसके अलावा, एमआर टीकाकरण में भारत सरकार के विशेष फोकस के मद्देनजर इसके गैप को खत्म करने, आरजीएचएस के तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों से ही दवा लिखवाने, असक्षम लोगों की टीबी स्क्रीनिंग, सामाजिक संगठनों की मदद से पोषण किट वितरण जैसे बिंदुओं पर भी चर्चा हुई।

कमियों की शीघ्र पूर्ण करने के दिये निर्देश –
रामाश्रय, मिशन मधुहारी और मिशन लीवर स्माइल जैसे अभियानों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ट्रोमा सेंटर, सोनोग्राफी और हीमोडायलिसिस मशीनों के पूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया। साथ ही, सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने और स्टाफ को इस विषय में पूर्ण जानकारी देने के निर्देश दिए गए।
फूड सेफ्टी व ड्रग सेफ्टी से जुड़े लंबित चालानों पर शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। इस दौरान राज्य स्तर से आई दस टीमों द्वारा एक दिन पूर्व हुए निरीक्षण में चिन्हित गैप्स का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिस पर श्रीमती राठौड़ ने इन कमियों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए।

By Udaipurviews

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