उदयपुर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हिन्दू नव वर्ष एवं राजस्थान दिवस के अवसर पर सुरों की मंडली द्वारा प्रस्तुत ‘सुरों के संग, संस्कृति के रंग’ लोक संगीत महोत्सव का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ यह भव्य आयोजन 100 फीट रोड, शोभागपुरा स्थित अशोका पैलेस स्थित मधु श्री, उदयपुर में आयोजित हुआ
सुरों की मंडली के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि “इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय लोक संगीत की समृद्ध परंपरा को सहेजना और नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। लोक गीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं, जिन्हें हमें संरक्षित और प्रचारित करना चाहिए।”
कार्यक्रम संयोजिका डॉ.अनिता सिंगीडॉ.अनिता सिंगी ने बताया कि लोक संगीत की सजीव धड़कनों और पारंपरिक धुनों से सजी “सुरों के संग, संस्कृति के रंग” संध्या अपने भव्य स्वरूप में संपन्न हुई। इस सांस्कृतिक आयोजन ने न केवल लोकगीतों की समृद्ध विरासत को जीवंत किया, बल्कि संगीतप्रेमियों को एक अविस्मरणीय संगीतमय अनुभव भी प्रदान किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ.अनिता सिंगी एवं योगेश जी द्वारा किया गया
संयोजक डॉ.अनिता सिंगी ने बताया संगीत की इस अनुपम यात्रा में प्रतिभागियों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजस्थानी, पंजाबी और बंगाली लोक धुनों की गूंज से पूरा वातावरण सुरमय हो उठा। कार्यक्रम की शोभा तब और बढ़ गई जब पारंपरिक वेशभूषा में सजे प्रतिभागियों ने मंच पर अपनी सांस्कृतिक पहचान को गौरवान्वित किया।
कार्यक्रम में रचना शर्मा नें सोने की गड़ा दो, अनीता सिंगी ने चांद चड़ियो गीगिनार, वीनू वेश्णाव ने खेलन दो गंगोल, चन्द्रप्रकाश जी गंधर्व ने तूटी बाजी बंधी लूंम, राज कुमार और अनिता सिंगी ने युगल गीत नेना सु दूर मत जा, योगेश जी लोढा ने, मायर थारो पूट कटे, जुमूर चक्रवती ने बंगाली लोकगीत, कमाल जी ने पंजाबी, गीत की प्रस्तुती देकर लोकगीतों को जीवंत कर दिया
सभी सजधज कर आने वाली प्रतिभागियों को मुकेश माधवानी ने विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए
इस संगीतमय संध्या में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। पुरुष वर्ग में नरेंद्र जी सुखवाल और योगेश जी लोड़ा ने अपनी प्रतिभा से सबका मन मोह लिया और उन्हें कार्यक्रम का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं, महिला वर्ग में जुमूर चक्रवर्ती और डॉ. रचना शर्मा ने अपनी सशक्त प्रस्तुति से सभी को प्रभावित किया और उन्हें भी सम्मानित किया गया। इन सभी विजेताओं को डॉ. श्रीमती अनिता सिंगी द्वारा सम्मानित किया गया एव पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के अंतिम क्षणों तक यह सांस्कृतिक यात्रा एक मधुर स्मृति बन चुकी थी। लोकगीतों की गूंज, सुरों की मिठास और संस्कृति के रंगों से सजा यह अनूठा आयोजन सभी के हृदय में अपनी छाप छोड़ गया।डॉ अनिता सिंगी नें इस सफलता के लिए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और संगीत प्रेमियों का हृदय से आभार व्यक्त किया ।