तीन दिवसीय ग्रामीण आवासीय वनशाला शिविर का आयोजन

-550 विद्यार्थी ग्रामीण संस्कृति, परम्परा व विरासत से होंगे रूबरू
-विद्यार्थी गांवों की समस्या जान समाधान की दिशा में होंगे परिपक्व
-आवासीय वनशाला शिविर में जाने वाले विद्यार्थियों के दल को कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना 
-गांवों में बसती है देश की आत्मा – प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर 18 दिसम्बर /जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की ओर से सिरोही स्थित पावापुरी विजय पताका धाम में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित तीन दिवसीय ग्रामीण आवासीय वनशाला शिविर में भाग लेने वाले 550 विद्यार्थियों के दल को बुधवार को मुख्य अतिथि कुलपति कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. सरोज गर्ग , डॉ. अमी राठौड़, डा. सुनिता मुर्डिया, डॉ.रचना राठौड़, डॉ. बलिदान जैन प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
 प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. सरोज गर्ग ने स्वागत करतेे हुए तीन दिवसीय वन शिविर की जानकारी दी।
 इस अवसर पर छात्रों को कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश रहा है और हमारी आत्मा गांवों में निवास करती है, जहॉ हमारी भारतीय, संस्कृति एवं परम्परा की झलक देखने को मिलती है लेकिन आधुनिकता की होड़ में हम इससे दूर होते जा रहे है, इसे बचाये रखा है। गांवों का शहरों की ओर पलायन शुरू हो गया, आज आवश्यकता है इसे रोकने की। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर ही रोजगार के अवसर मुहैया कराने होंगे। युुवा पीढ़ी को कौशल विकास के पाठ्यक्रमों के साथ शिक्षण प्रशिक्षण देना होगा जिससे वे पढ़ाई पूरी करने के बाद, ग्रामीण स्तर पर भी आत्म निर्भर बन सके।
उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे तीन दिनों तक ग्रुप बना कर गांवो का सर्वे कर वहॉ की समस्या को जाने ओर समाधान की दिशा में परिपक्व होने के साथ समस्याग्रस्त सम्बंधित विभाग से परिचय कर समाधान का प्रयास करें।
 संस्थापक मनीषी जनुभाई ने वंचित एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के अंतिम छोर तक शिक्षा की अलख जगाने के उद्देश्य से 1937 में विद्यापीठ की स्थापना की थी। ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रिकालीन पाठशाला शुरू की ओर लालटेन के माध्यम से शिक्षा दीक्षा का कार्य किया।
प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि वन शिविर में विद्यार्थी समूह के रूप में मंडवा, सांणेश्वर, सिरोही के आसपास के गांवों वैश्विक महामारी कोरोना के बाद उनके जीवन में आये बदलाव के साथ साथ सामाजिक, आर्थिक बदलाव, उनके कारणों, सफाई, स्वास्थ शिक्षा आदि का स्तर जानेगे। ग्रामीणों को राज्य व केन्द्र सरकार की ओर से जारी की गई योजनाओं का लाभ उन तक कैसे पहुंच सके आदि की जानकारी भी दी जायेगी। गांवों में शाम को लगने वाली चौपालों में स्वच्छ भारत – स्वस्थ भारत, शिक्षा का अधिकार, बेटी बचाओं – बेटी पढ़ाओं, जननी सुरक्षा, जल स्वावलम्बन, पर्यावरण संरक्षण आदि की जानकारी नुक्कड नाटकों के माध्यम से दी जायेगी।
इस अवसर पर डॉ. अनिता कोठारी, डॉ. अमित दवे, डॉ. हिम्मत सिंह, डॉ. रोहित कुमावत, डॉ. इंदू आचार्य, डा. सुभाष पुरोहित, डा. ममता कुमावत, डॉ. हरीश मेनारिया, डॉ. रेणू हिंगड, डॉ. हेमलता जैन, डॉ. शीतल चुग, डॉ. रोमा भंसाली, महेन्द्र वर्मा, डॉ. तिलकेश आमेटा, सहित छात्र छात्राए उपस्थित थे।
By Udaipurviews

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