उदयपुर, 09 अप्रैल. मेवाड़ की प्रसिद्ध शक्ति पीठ ईडाणा माता की प्रतिमा ने चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मंगलवार को अग्नि स्नान किया। भक्तों ने माताजी के अग्नि स्नान के दर्शन किए।
उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर सलंबूर जिले में ईडाणा माता का मंदिर है। इस मंदिर में हर महीने ईडाणा माता अग्नि स्नान करती है, जिसमें भक्तों का चढ़ावा तथा अन्य चीजें जल जाती हैं लेकिन प्रतिमा को कुछ नहीं होता। चैत्र माह की पहली नवरात्रि पर ऐसा ही हुआ। मंगलवार सुबह अचानक आग की लपटें उठने लगी और मंदिर में भक्तों का चढ़ाए वस्त्र, ध्वजाएं, भोग तथा अन्य सामान जलने लगा। करीब ढाई घंटे तक तेज लपटों में माता अग्नि के बीच रही। इस बीच दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ गईं। भक्त भी ईडाणा माता के अग्नि स्नान रूप के दर्शन करने के लिए इंतजार करते रहते हैं। ढाई घंटे तक प्रतिमा के आस-पास तेज आग जलती रही। हालांकि दोपहर 12:30 बजे बाद ही अग्नि पूरी तरह शांत हुई, जब माता का नया श्रृंगार किया गया।
माता स्वत: करती है अग्नि स्नान
ईडाणा माता स्थित गायत्री धाम के आचार्य शैलेश त्रिवेदी बताते हैं कि भारतीय नववर्ष के पहले दिन यह मौका मिला है। पिछले साल भी 24 मार्च 2023 को चैत्र महीने में ईडाणा माता ने अग्नि स्नान किया था। वह बताते हैं कि अग्नि स्नान को लेकर कोई दिन और समय तय नहीं है। यह संयोग है कि इस बार भारतीय नववर्ष के दिन मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त में अग्नि स्नान शुरू हुआ। अग्निस्नान में माता का श्रृंगार, कपड़े और अन्य सामान जलकर भस्म हो जाते हैं। लेकिन माता की प्रतिमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
अग्नि स्नान को लेकर प्रचलित है मान्यता
आचार्य त्रिवेदी बताते हैं कि ईडाणा माता के अग्नि स्नान को लेकर मान्यता प्रचलित है। मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध ईडाणा माता समय-समय पर अग्निस्नान करती रहती हैं। आमतौर पर साल में एक बार ईडाणा माता अग्नि स्नान करती है।
झूले तथा त्रिशूल चढ़ाते हैं भक्त
ईडाणा माता की प्रतिमा के पीछे अनगिनत त्रिशूल लगे हैं। यहां भक्तजन अपनी मन्नत पूरी होने की आशा के साथ त्रिशूल चढ़ाते है। इसी तरह, संतान की मन्नत रखने वाले भक्त यहां झूले चढ़ाते हैं।