डूंगरपुर : मुखबधिरों प्रमाण पत्रों के सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर, कलेक्टर से मिलकर राहत दिलाने की मांग 

डूंगरपुर, 29 जुलाई(ब्यूरो) जिला मुख्यालय पर विकलांग और मुखबधिरों को अपनी विकलांगता के प्रमाण पत्रों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से परेशान मुखबधिर ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं का समाधान मांग किया। शहर के नवाडेरा में स्थित आपणो संस्थान से जुड़े विकलांग और मुखबधिर  अपनी विकलांगता के प्रमाण पत्रों के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। सरकारी विभागों के असंवेदनशीलता के चलते उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी समस्या को लेकर मुखबधिर सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

 

डूंगरपुर में मशीन उपलब्ध, जांच करने वाला प्रशिक्षित सहायक नहीं

 

ज्ञापन देकर शेखर भोई ने बताया कि जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में मुखबधिरों के विकलांगता प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह बहरा जांच हेतु प्रशिक्षित सहायक का न होना है। हालांकि राजस्थान सरकार ने सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए हैं, फिर भी जिले के दिव्यांगजनो को उदयपुर भेजा जा रहा है। इससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मुखबधिरों ने ज्ञापन में अपनी समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की और जल्द से जल्द प्रशिक्षित सहायक की नियुक्ति करने की गुहार लगाई। जिला कलेक्टर ने ज्ञापन स्वीकार कर इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

सरकारी योजनाओं से वंचित मुखबधिर-इस मुद्दे पर समाज में भी गहरी चिंता जताई जा रही है। विकलांगता प्रमाण पत्र न बनने की वजह से मुखबधिर युवाओं को कई तरह की सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय प्रशासन को इस समस्या का समाधान निकालने की दिशा में तेजी से कदम उठाने की जरूरत है।

By Udaipurviews

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