उदयपुर, 29 मार्च : उदयपुर की विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआईएक्ट अदालत ने चेक बाउंस मामले में अभियुक्त राजेश पुत्र देवीलाल को दोषी करार दिया है। मामले की जानकारी देते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक बंशीलाल गवारिया ने बताया कि परिवादी राधेश्याम ने 3 लाख 50 हजार रुपए की अनादरित चेक राशि को लेकर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था।
गवारिया ने बताया कि परिवादी राधेश्याम निवासी गणेशनगर पायडा और अभियुक्त राजेश निवासी माधव कॉलोनी कालका माता रोड के बीच अच्छे संबंध थे। अभियुक्त ने निजी आवश्यकताओं के लिए परिवादी से 3 लाख 50 हजार रुपए उधार लिए और उसके बदले में 15 जुलाई 2020 को स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर का चेक प्रदान किया। जब परिवादी ने चेक बैंक में प्रस्तुत किया, तो उसे ‘फंड्स इनसफिशिएंट’ के कारण अनादरित कर दिया गया।
नोटिस भेजने के बावजूद अभियुक्त ने चेक राशि का भुगतान नहीं किया, जिसके चलते परिवादी ने न्यायालय में धारा 138 एनआईएक्ट के तहत परिवाद दायर किया। विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट शिखा शर्मा ने प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त को दोषी करार दिया। अदालत ने माना कि अभियुक्त के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं और उसने चेक के भुगतान की जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की। न्यायालय ने अभियुक्त को एक साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ दोषी व्यक्ति द्वारा पीड़ित को 4 लाख 50 हजार रुपए देने का आदेश भी दिया। इस फैसले से चेक बाउंस मामलों में सख्ती से निपटने का संदेश दिया गया है।