उदयपुर, 18 जुलाई : राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के आह्वान पर उदयपुर जिला न्यायिक कर्मचारी संघ शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर गया। कर्मचारियों ने न्यायालय परिसर के मुख्य पोर्च में धरना देकर न्यायिक कार्य का पूरी तरह बहिष्कार किया, जिससे अदालतों का कामकाज ठप हो गया।
संघ की प्रमुख मांग न्यायालयों में सामान्य संवर्ग एवं आशुलिपिक संवर्ग के कैडर पुनर्गठन की है। इस संबंध में मई और अक्टूबर 2022 में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके तहत उच्च न्यायालय द्वारा प्रस्ताव तैयार कर मई 2023 में सरकार को भेजा गया था। लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
धरने का नेतृत्व संघ अध्यक्ष विशाल गदिया और महामंत्री सम्राट ने किया। इस मौके पर प्रदेश प्रतिनिधियों में अखिलेश अग्रवाल, चन्द्रसिंह दुलावत, जितेन्द्र जीनगर, वेद प्रकाश आर्य और मेघराज डांगी ने कर्मचारियों को संबोधित किया। वक्ताओं ने राज्य सरकार की हठधर्मिता की निंदा करते हुए मांग की कि जल्द आदेश पारित कर न्यायिक कर्मचारियों को राहत दी जाए।
धरने के दौरान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम ज्ञापन जिला एवं सेशन न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश गुप्ता को सौंपा गया। ज्ञापन पढ़कर कर्मचारियों को सुनाया गया। सभा का संचालन वरिष्ठ कर्मचारी कमलेश शर्मा ने किया और आभार संजय कोठारी ने जताया।