आर्यिका नमनश्री एवं विनयप्रभा का पहाड़ा जैन मंदिर में हुआ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश

– पुण्य उदय से धर्म कार्य, गुरु सेवा का सौभाग्य मिलता है : आर्यिका विनयप्रभा
– पहाड़ा जैन मंदिर में चार माह तक बहेगी धर्म ज्ञान की गंगा
– चातुर्मास मंगल कलश स्थापना बुधवार 9 जुलाई को

उदयपुर, 27 जून। ऐतिहासिक झीलों की नगरी के पहाड़ा स्थित पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में चातुर्मास के लिए परम् पूज्य आचार्य आदिसागर अंकलीकर की परम्परा में तृतीय पट्टाधीश तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मति सागर गुरुदेव एवं प्रथम गणिनी आर्यिका विजयमति माताजी की शिष्या आर्यिका नमनश्री एवं आर्यिका विनय प्रभा ससंघ का मंगल प्रवेश शुक्रवार को धूमधाम से हुआ।
प्रवक्ता संजय गुडलिया ने बताया कि दोनों आर्यिका का चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर आयड़ से पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर पहाड़ा के लिए आर्यिका संघ की अगवानी के लिए बैंड की स्वर लहरियों के साथ हजारों की संख्या में महिलाएं केसरिया वस्त्र धारण कर सिर पर कलश लेकर पाद प्रक्षालन किया। उसके बाद सभी गाजे-बाजे के साथ पुरुष श्वेत वस्त्र धारण कर मार्ग में गुरुदेव के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। मार्ग में जगह-जगह स्वागत द्वार बनाकर आर्यिका संघ का स्वागत किया गया।
अध्यक्ष प्रकाश अदवासिया ने बताया कि आर्यिका का पाद पक्षालन माणकचंद राजेश परतीयोत व शास्त्र भेंट नमोस्तु शासन प्रकाश प्रेमलता डूंगरिया व प्रेमलाल मितिका गंगारामजियोत ने किया। आर्यिका संघ का चातुर्मास स्थापना बुधवार 9 जुलाई को सायं 7 बजे होगा। जिसमें चातुर्मासिक मंगल कलश भरा जाएगा। कमलेश गुडिया, ललित चिबोडिया, सुशील नवाडिय़ा की ओर से स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया।
इस अवसर आयोजित धर्मसभा में आर्यिका नमनश्री ने आज के प्रवचन में गृहस्थ, संत, पति, पत्नी, पिता , माता , व्यापारी, पुत्र, बहु आदि की भूमिका दुख के कारण एवं सुखी रहने के सूत्र बताए। धर्मसभा में आर्यिका विनयप्रभा ने कहा कि पुण्य उदय से धर्म कार्य गुरु सेवा का सौभाग्य मिलता है। पुण्य को सदैव वृद्धिगत करने वाला व्यक्ति प्रगति करता है।  संसार में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसका कोई शत्रु नही हो । इसलिए व्यक्ति को विकल्प को छोडक़र गुरु सेवा, जिनवाणी प्रकाशन, दान धर्म आदि में सलग्न रहकर कल्याण करना चाहिए।
इस अवसर पर अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र अदवासिया, परम संरक्षक सेठ धनराज सकावत,  महामंत्री कमलेश चिबोडिय़ा, संजय गुडलिया, रमेश चिबोडिय़ा, अनिल सकरावत, दिनेश गुडलिया, देवीलाल वागावत, वरदीचंद सेमालिया, बंसतीलाल, मांगीलाल सलूम्बरिया, चन्द्र शेखर चिबोडिय़ा, करण सिंह, कन्हैयालाल जावरिया, जम्बू दलावत, प्रवीण सकरावत, सुरेश चिबोडिया डॉ राजमल लखदार, गणेशलाल रुपज्योत, दिनेश गुड़लिया, कन्हैयालाल जावरिया, अशोक अदवासिया, जितेंद्र चिबोडिया, अर्जुन गंगारामजियोत, सुभाष अदवासिया, आनन्दीलाल सहित केशव नगर, पहाड़ा, आयड़ सहित आसपास क्षेत्र के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।
By Udaipurviews

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