देवनागरी सुलेखन मूलस्वरूप के साथ आधुनिकता का संगम
उदयपुर, 22 जून। गणगौर घाट स्थित बागोर की हवेली में रविवार को चुनचुन की दो दिवसीय चित्र कला प्रदर्शनी अक्षर – एक अमूर्त संस्करण का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. ओमजी बिजौलिया, शिल्पकार हेमंत जोशी एवं हेमंत मेहता द्वारा किया गया। इस प्रदर्शनी का समापन 23 जून को होगा। यह प्रदर्शनी सुबह 11 से सायं 7 बजे तक चल रही है। इस अवसर पर मकबूल अब्बासी, राहुल माली, नीलोफर मुनीर, सुनिल निमावत, शर्मिला राठौड़, जगदीश कुमावत, सूरज सोनी, आदि कला प्रेमी उपस्थित थे।
अक्षर – एक अमूर्त संस्करण
यह संग्रह इस बात की कहानी बताता है कि कैसे अपनी देवनागरी सुलेखन को और अधिक समकालीन रूप में परिवर्तित किया, लेकिन फिर भी उसके मूल स्वरूप को बनाए रखता है।
स्ट्रोक, पेंट, ऐक्रेलिक पोर, ब्रश, नाइफ और विभिन्न प्रकार के औजारों के माध्यम से अमूर्त अभिव्यक्तिवाद की खोज की है। इन चित्रों में चमकीले, हल्के और मंद रंगों का मिश्रण है जो अपनी पहचान बनाए रखते हैं। बोल्ड अक्षर कैनवास को भरते हैं, स्ट्रोक के प्रवाह के माध्यम से अपनी कहानी लिखते हैं। फ्रीहैंड ऐक्रेलिक पोर में व्यक्तिगत स्पर्श इतनी आसानी से बहता है, जो अक्षरों और उनके स्ट्रोक में जान डालने में वर्षों के अनुभव का प्रतिनिधित्व करता है।
बागोर की हवेली में चुनचुन की अक्षर प्रदर्शनी का शुभारंभ
