परिवादी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख जताया आभार
उदयपुर, 19 जून। आमजन की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रारंभ की गई त्रिस्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था सुशासन की मिसाल बन रही है। जनसुनवाई में आमजन की कई समस्याओं का त्वरित निस्तारण होने से लोगों को राहत मिल रही है और लोग सुशासन का अहसास कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उदयपुर जिले में देखने को मिला। यहां एक परिवादी की डेढ़ साल पुरानी समस्या का मात्र डेढ़ दिन में निस्तारण हुआ। त्वरित कार्यवाही से अभिभूत परिवादी ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर जिला प्रशासन की तत्परता की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया।
यह था प्रकरण
उदयपुर जिले के फतहपुरा निवासी ज्ञान प्रकाश सोनी की ईसवाल गांव में निजी भूमि है। उक्त भूमि में 11 केवी बिजली लाइन गुजर रही थी, जिसे सड़क की ओर शिफ्ट करवाने के लिए सहायक अभियंता कार्यालय बड़गांव में आवेदन किया। निगम ने 34184 रूपए की डिमाण्ड जारी की, जिसे प्रार्थी ने 16 अक्टूबर 2023 को जमा करा दिया। राशि जमा कराने के बावजूद निगम लाइन शिफ्ट नहीं कर रहा था, क्योंकि एक शराब ठेकेदार ने उसके परिसर के पास खंबा लगाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। प्रार्थी ने बताया कि सड़क सरकारी भूमि पर बनी हुई है तथा उस पर पहले से 4 खंबे भी लगे हुए हैं। इसके बावजूद निगम की ओर से लाइन शिफि्ंग नहीं की गई और सड़क के दूसरे छोर पर लाइन शिफ्ट का प्रस्ताव बनाते हुए प्रार्थी को 86870 रूप्ए का नया डिमाण्ड नोटिस भिजवा दिया। समस्या का समाधान नहीं होने पर प्रार्थी ने 15 मई 2025 को आयोजित जिला स्तरीय जनसुनवाई में जिला कलेक्टर नमित मेहता के समक्ष अपनी समस्या रखी। जिला कलेक्टर श्री मेहता ने मामले की गंभीरता को समझते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल मौके पर भेजने के निर्देश दिए। उसी शाम अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और तहसीलदार मौके पर पहुंचे, जहाँ बिजली पोल को शिफ्ट करने में कोई आपत्ति नहीं जताते हुए संबंधित शराब ठेकेदार ने भी सहयोग किया। नतीजतन, 16 मई को बिजली लाइन को स्थानांतरित कर दिया गया और परिवादी से किसी प्रकार की अतिरिक्त राशि भी नहीं ली गई।
जनसुनवाई सुशासन की प्रतीक
त्वरित कार्रवाई से प्रसन्न होकर ज्ञान प्रकाश सोनी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर जनसुनवाई व्यवस्था की सराहना की तथा जिला कलेक्टर सहित पूरी प्रशासनिक टीम का आभार प्रकट किया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि उदयपुर जिला कलक्टर की ओर से जिस गंभीरता के साथ प्रकरण का निस्तारण कराया गया इससे जनसुनवाई व्यवस्था सुशासन की महत्वपूर्ण प्रतीक सिद्ध हो रही है। साथ ही सरकार की सकारात्मक छवि निर्माण में अधिक कारगर सिद्ध हो रही है।