नवकार महामंत्र के स्मरण से आत्मा के सभी पापों का नाश होता है : जैनाचार्य रत्नसेन सूरीश्वर महाराज

हिरण मगरी सेक्टर 4 जैन मंदिर में आयोजित हो रही है धर्म सभा
उदयपुर, 19 जून। शांतिनाथ जैन संघ सेक्टर 4 हिरण मगरी उदयपुर में जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नसेन सूरीश्वर महाराज की निश्रा में पूजा, स्नात्र पूजा सहित विविध आयोजन हुए वहीं सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं को धर्म ज्ञान की गंगा का लाभ मिल रहा है। कोषाध्यक्ष राजेश जावरिया ने बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में जैनाचार्य रत्नसेन सूरीश्वर महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा है कि इस जगत् में रही हुई सभी वस्तुए नश्वर है। शाश्वत है तो मात्र पंच परमेष्ठी । अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु ये पंच परमेष्ठी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ पद है। नवकार महामंत्र में इन पंच परमेष्ठी भगवंतो को नमस्कार किया जाता है। इनको किया हुआ नमस्कार आत्मा के सभी पापों का नाश करने में समर्थ है। इसलिए बार-बार इस नवकार महामंत्र का स्मरण करना चाहिए। बालक का जन्म होते ही सबसे पहले उसके कानों में नवकार महामंत्र का श्रवण करवाना चाहिए। हमारे दिन की शुरुआत भी नवकार महामंत्र के स्मरण से, ही होनी चाहिए, तब रात्रि में सोने के पहले भी नवकार महामंत्र का स्मरण करके सोना चाहिए। इस नवकार महामंत्र को गुरुमुख से विधिवत ग्रहण करने के लिए महानिशीथ आगम सूत्र में उपधान तप की आराधना बताई है। जैसे व्यक्ति को गाडी चलाना बखूबी से आता हो, फिर भी जब तक वह ड्राइविंग लाइसेंस नहीं लेता है, तब तक उसे गाडी चलाने का अधिकार नहीं होता है। यदि यह गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तब वह गुन्हेगार माना जाता है। वैसे ही नवकार महामंत्र का अधिकारी बनने के लिए कम से कम अठारह दिन की साधना करनी होती है। गुरु भगवंतो की निश्रा में रहते हुए पौषध व्रत को स्वीकार के साथ एकांत उपवास की आराधना करनी चाहिए । अन्य भी गणधर भगवंतो के द्वारा रचित सूत्रों के अधिकार पाने के लिए 47 दिन, 35 दिन और 28 दिनों की आराधनाएँ बताई है। 47 दिनों की आराधना करने वाले आराधक को स्वयं आचार्य भगवंत भी मोक्ष माला  पहनाते हैं। भोगवाद के इस जमाने में  आज भी छोटे छोटे बच्चे भी उत्साह और उल्लास के साथ जुड़कर अपने जीवन को सफल बनाते है। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष राजेश जावरिया, श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जिनालय समिति के अध्यक्ष सुशील बांठिया, महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर, अशोक नागौरी, उत्सव लाल जगावत, अनिल भण्डारी, गौतम गांधी, प्रकाश नागौरी, चंदरसिंह बोलिया, रणजीतसिंह मेहता आदि समस्त कार्यकारिणी सदस्य आदि भी उपस्थित रहे।

By Udaipurviews

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