-भक्तों ने सूखे मेवों से तौला खुशाल भारती महाराज को
-सुबह अभिषेक, शाम को भजन संध्या, भण्डारा
-दिनभर रही भक्तों की रेलमपेल
उदयपुर, 07 नवम्बर। ‘सारे तीरथ धाम आपके चरणों में, हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणों में’ गुरु वंदन का यह भक्ति गीत एक बार फिर से उदयपुर के बलीचा स्थित राजराजेश्वर बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में गूंज उठा। मौका था पंचायती निरंजनी आखाड़ा मढ़ी मन मुकुंद के दिगम्बर खुशाल भारती महाराज के अवतरण दिवस उत्सव का। उनके 41वें अवतरण दिवस पर सोमवार को यहां उनके सान्निध्य में चल रहे सर्व समाज सनातनी चातुर्मास में दिन भर श्रद्धा और भक्ति का संगम रहा।
पंचायती निरंजनी अखाड़ा मढ़ी मन मुकुंद के दिगम्बर खुशाल भारती महाराज के अवतरण दिवस के आयोजन सोमवार सुबह से देर रात तक चले। प्रातः वेला में अभिषेक व हवन हुआ। इसके बाद दिन भर भक्तों की रेलमपेल रही। भक्तों ने अवतरण दिवस पर दिगम्बर खुशाल भारती महाराज का चरण वंदन किया और आशीर्वाद लिया। देश भर के विभिन्न स्थानों से दिगम्बर खुशाल भारती महाराज के शिष्य व अनुयायी यहां पहुंचे।
मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि शाम को भजन संध्या सजी। इस दौरान महाराज को सूखे मेवों से तौला गया। उनका 41वां अवतरण दिवस होने के उपलक्ष्य में 41 किलो मावे के केक का प्रसाद बांटा गया और 41 किलो की पुष्पमाला पहनाई गई। जोशी ने बताया कि भक्त मावे का केक बनवाकर लाए जिसे छूकर दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने भक्तों में बंटवाया।
जोशी ने बताया कि भजन संध्या में मारवाड़ से भजन गायिका कौशल्या रामावत, मेवाड़ से लेहरू दास वैष्णव, गुजरात से धार्मिक गोस्वामी भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी। मंच संचालन विनायक जोशी ने किया। भजन संध्या के दौरान उदयपुर शहर से कांग्रेस प्रत्याशी गौरव वल्लभ, उदयपुर ग्रामीण से भाजपा प्रत्याशी फूलसिंह मीणा, उदयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी विवेक कटारा भी दिगम्बर खुशाल भारती महाराज से आशीर्वाद लेने पहुंचे।
जोशी ने बताया कि दोनों समय भक्तों के लिए भण्डारे की व्यवस्था रही जिसमें हिमांशु बंसल, हर्षिल जोशी, भानुप्रताप सिंह, कपासन से कुंदन जोशी, भीलवाड़ा से मनोज ओझा, गजेंद्र सिंह खालसा, नरेश गोधा आदि ने सेवाएं प्रदान कीं।
जोशी ने बताया कि दिगम्बर खुशाल भारती महाराज राष्ट्रीय महाकाल सेना के संस्थापक भी हैं। उन्होंने रात को भजन संध्या के दौरान अपनी जटा में हीराजड़ित मुकुट धारण किया तो भक्तों ने जयकारों से पाण्डाल गुंजा दिया। महाकाल सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक पुरि ने भी दिगम्बर खुशाल भारती को अवतरण दिवस पर बधाई व शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने संदेश दिया कि सनातन सदैव सत्य है। सनातन की आड़ में राजनीति करने वालों को उन्होंने कहा कि वे सनातन की आड़ में धोखेबाजी न करें, सत्य पर चलें। उन्होंने कहा कि सनातन ने कभी तोड़ना नहीं सिखाया, हमेशा जोड़ने की बात कही। सनातन संस्कृति ने कभी जातिवाद नहीं किया, सनातन ने हमेशा मानवता की बात की। उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार घर से पैदा होते हैं। बच्चों का अपनी संस्कृति से दूर होने का कारण घर के बड़े हैं। जब हम संस्कृति की बात नहीं करेंगे तो बच्चे कैसे अपनी संस्कृति को सीख पाएंगे।
इधर, आगामी 16 नवम्बर से अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास पं. प्रेम भूषण की रामकथा शुरू होगी। इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। पं. प्रेम भूषण महाराज का भजन ‘पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा’ जन-जन में विख्यात है। यह रामकथा 24 नवम्बर तक चलेगी।