4 दिवसीय हास्य योग सम्मेलन का हुआ समापन  

सर्वश्रेष्ठ हास्य योगी 2023 का पुरस्कार रायपुर की आशा शर्मा, महेंद्रगढ़ के जसपाल सिंह कालरा एवं पुणे की सुनंदता सुनंदा रायते को दिया ंसयुक्त रूप से दिया गया
उदयपुर। स्पेक्ट्रम रिजॉर्ट उदयपुर में चल रहे 4 दिवसीय 11 वें हास्ययोग राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में आज प्रातः योग गुरु जितेन कोही ने लगभग 2 घंटे तक लोगों को हास्यासन करवाएं। लोग आसन करते रहते और बीच-बीच में उठकर ठहाके भी लगाते रहते थे। बड़ी संख्या में मौजूद लोग एक साथ हंसते हुए हाथ-पांच चला रहे थे, योग कर रहे थे और जोर-जोर से हंस रहे थे। समापन समारोह में देश के 15 से अधिक राज्यों से पधारे विशिष्ट प्रतिनिधियों हास्ययोग के शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम संयोजक पणिता तलेसरा ने बताया कि समापन समारोह में सर्वश्रेष्ठ हास्य योगी 2023 का पुरस्कार रायपुर की आशा शर्मा, महेंद्रगढ़ के जसपाल सिंह कालरा और पुणे की सुनंदता सुनंदा रायते को सामूहिक रूप से दिया गया। मनमौजी पुरस्कार सर्वसम्मति से नरेश निझावन को दिया गया।
लोगों के चेहरे पर एक असीम शांति और हंसी का भाव देखा जा सकता था। चारों तरफ केवल हंसी-हंसी और ठहाके ही सुनाई पड़ रहे थे। बीच-बीच में ठहाकों की आवाज है गूंज जाती थी। लोगों से बातचीत में उन्होंने बताया की हास्ययोग करने से उनका शुगर, बीपी, माइग्रेन यहां तक की एक महिला ने बताया कैंसर जैसी बीमारियों में भी उनको बहुत लाभ मिला है।
बड़ी संख्या में मौजूद सीनियर सिटीजन लोगों को उठकर आसन करते ठहाके लगाते हुए और दौड़ते हुए देखना यह स्पष्ट दर्शा रहा था कि हास्य योग से उन्हें कितनी ऊर्जा मिल रही है और वह कितने स्वस्थ हो रहे हैं। हास्य योग केंद्र भारत के विपिन गुप्ता, सुनील गुप्ता, मंगल सिंह, सुनील कुमार, अंजना गुप्ता ने बताया गुरुजी पिछले 20 से भी अधिक वर्षाे से देश भर में लोगों को हंसी के माध्यम से योग की शिक्षा देने के लिए हास्य योग का प्रचार प्रचार कर रहे हैं। आज नियमित रूप से 3000 से ज्यादा पार्कों में रोजाना प्रतिदिन हास्य योग की कक्षा में हजारों लोग भाग लेकर निःशुल्क इसका लाभ उठाते हैं। हास्य योग केंद्र का नारा है हंसता भारत स्वस्थ भारत।
प्रणिता तलेसरा ने बताया जिसका हाजमा अच्छा, वही हंस सकता है। रोजमर्रा के जीवन की भागदौड़ और हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने की ओर से पूरे विश्व के लोगों के मानसिक और शारीरिक तनाव में वृद्धि हुई है जितना बड़ा शहर उतना ज्यादा तनाव ऐसे में आम लोगों की मुस्कुराहट भी चिपकी हुई लगती है दुर्भाग्य है कि लोग हंसने में भी कंजूसी करते जा रहे हैं हंसी और उत्सव कभी भारतीय ताकि पहचान हुआ करते थे। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

By Udaipurviews

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