जगदम्बा के साथ पूरा शिव परिवार शामिल होगा शाही सवारी में ब्रह्मा, विष्णु, हनुमान, दुर्गा, सरस्वती, करेंगे शाही सवारी की अगवानी प्रथम पुज्य विघ्नहर्ता गणपति रहेंगे सबसे आगे
उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर रानी रोड़ स्थित महाकालेश्वर मंदिर से निकलने वाली शाही सवारी की संपूर्ण तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। प्रन्यास अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया ने बताया कि सोमवार 8 अगस्त 22 को निकलने वाली शाही सवारी का आज प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर में अवलोकन भी किया गया।
प्रन्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि श्रावण के चैथे सोमवार को ब्रह्म मुर्हूत में प्रभु महाकालेश्वर की परम्परानुसार विधि विधान से पूजा अर्चना होगी। प्रभु महाकालेश्वर को रूद्रपाठ, सहस्त्रधारा अभिषेक व विभिन्न नदियों से लाए जल का अभिषेक कर महाकाल को विशेष श्रृंगार धरा भोग धराया जाएगा।
शाही सवारी के लिए रजत पालकी को भव्य रूप से सजाया गया है जिसके उपर भव्य सवा 5 किलो चांदी का छत्र बनाकर लगाया है व प्रभु महाकालेश्वर का विग्रह स्वरूप भी भव्य व आकर्षक से श्रृंगारित कर पालकी में विराजित किया जाएगा। एवं सभा मण्डप से अभिजित मुर्हूत मंे 12.15 बजे वैदिक मंत्रो के साथ सर्व समाजों के द्वारा रजत पालकी को मंदिर परिक्रमा करते हुए गुफा द्वारा से नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। रजत पालकी की संपूर्ण साज सज्जा पुरूषोत्तम जीनगर, कमल चैहान, घनश्याम सोनी द्वारा की जाएगी।
प्रवक्ता विनोद शर्मा, महिपाल शर्मा ने बताया कि सोमवार दिनांक 8 अगस्त 2022 को आशुतोष भगवान श्री महाकालेश्वर का रूट चार्ट का निर्धारण कर दिया गया जो निम्न प्रकार से रहेगा-अभिजित मुहूर्त में 12.15 बजे भगवान आशुतोष महाकालेश्वर की सवारी मंदिर प्रांगण से प्रस्थान कर भोलेनाथ गुफा निकलेगी जिसे नन्दी द्वार से आकर्षक रूप से सजाया गया से होते हुए पूर्वी द्वार की ओर से फतहसागर के रास्ते से होते हुए काला किवाड पर दाधिच समाज के द्वारा भगवान महाकाल का स्वागत-सत्कार किया जाएगा। वहां से स्वरूप सागर से होते हुए शिक्षा भवन चैराहे पर पहुंचेगी जहां पर भगवान शनिदेव के पुजारी परिषद के द्वारा भगवान महाकाल की अगवानी की जाएगी तथा मार्ग में नन्दवाना समाज, विप्र फाउण्डेशन भी शाही सवारी में विशाल नन्दी पर आरूढ भगवान भोले नाथ का स्वागत करेंगे। चेतक सर्कल से होते हुए आशीष पैलेस होटल पर सिक्ख समुदाय द्वारा विशेष पूजा-अर्चना एवं भगवान महाकालेश्वर का स्वागत किया जाएगा। तत्पश्चात 1.30 बजे हाथीपोल पर देवी महाकाली मंदिर पर पुजारी परिषद द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर-देवी महाकाली तथा भगवान शनिदेव का परस्पर पूजन स्तवन किया जाएगा। इसके उपरान्त शाही सवारी मावा गणेशजी मार्ग से होते हुए हरवेन जी खुर्रा होते हुए मोती चोहट्टा पहुंचेगी। जहां पर विभिन्न व्यापारिक संगठनों व समाजांे द्वारा मार्ग में भगवान श्री महाकालेश्वर का स्वागत कर विशेष पुष्प वर्षा की जाएगी। शाही सवारी घण्टाघर से होते हुए माझी की बावडी पर सेन समाज द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा। जगदीश चैक पहुंचेगी जहां पर दोपहर 3.30 बजे जगदीश चैक में भगवान हरि-हर का परस्पर मिलन होगा जिसमें पुजारी परिषद द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर-भगवान श्री जगदीश का परस्पर पूजन स्तवन कर महाआरती होगी तथा परस्पर भेट प्रस्तुत की जाएगी। सवारी गणगौर घाट मार्ग से होते हुए चांदपोल पुलिया से होते हुए जाडा गणेश जी पहुंचेगी जहां पर आरती का आयोजन होगा। यहां से सवारी नई पुलिया होते हुए सांय 6.00 बजे अम्बमाता मंदिर पहुचेगी जहां पर पुजारी परिषद द्वारा भगवान महाकालेष्वर व माॅ अम्बा का परस्पर पूजन स्तवन कर भेंट प्रस्तुत की जाएगी। वहां से सवारी पुनः राडाजी चैराहे होते हुए महाकालेश्वर मंदिर परिसर पहुंचेगी जहां पर महाआरती का आयोजन होगा।
शाही सवारी के दौरान पूजा अर्चना समिति के फतेहलाल चैबीसा, हरीश शर्मा, ललित जैन द्वारा पूजा अर्चना की व्यवस्था की जाएगी। मंदिर प्रांगण से शाही सवारी के निर्धारित पूरे मार्ग में गोमूत्र एवं गगाजल का छिडकाव श्रीमाली समाज के द्वारा किया जाएगा तथा दीक्षा भार्गव व प्रेमलता लोहार के सानिध्य में महिलाएं का दस्ता सवारी के आगे झाडू बुहारते हुए चलेगी रूद्रवाहिनी फागनियां वेष में मंगल कलश लेकर चलेगी।
निमंत्रण: 8 अगस्त को निकलने वाली शाही के लिए नगर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भेंट पदराकर निमंत्रण दिया गया। जिसमें बोहरा गणेश जी, लक्ष्मी माता, मीठाराम जी, अय्यप्पा मंदिर, जगदीश मंदिर, कालिका माता मंदिर, शनिदेव मंदिर, मंशापूर्ण हनुमान जी, गुरूद्वारा सिक्ख खण्ड दरबार, शक्ति नगर स्थित सिंधी समाज सनातन धर्म मंदिर आदि में विशेष पूजा अर्चना कर शाही सवारी में निमंत्रण दिया गया।
यह रहेगी झाकियां:-
- ) सर्व प्रथम केसरिया खुली जीप रहेगी। 2.) 11 घोडे 3.) खुली जीप में रहेगा राष्ट्रीय ध्वज 4.) बुलेट मोटर साइकिल 21 तिरंगे झंडे के साथ, 5.) बैण्ड 6.) गंगाजल व गौ मूत्र छिड़काव त्रिभुण्ड 7.) गणपति जी एवं उनके परिवार की पांच झाकियां 8. बैण्ड 9.) महिलाएं कलश लिए नृत्य एवं मंगल गीत गाते हुए 10.) हनुमान जी, सरस्वती, मां दुर्गा, महर्षि दधीची, परशुराम, विश्वकर्मा जी, रामजी सहित विभिन्न देवी देवताओं की आदमकद झाकियंा 11.) बैण्ड 12.) महादेव की रहट पर जलाभिषेक करते हुई झांकी 13.) गोल्फ कारें 14.) तीन अलग अलग गावों की गवरी 15.) बैण्ड 16.) गणगौर 17. इनोवा कारों पर विभिन्न समाजो से आई ठाकुर जी की रेवाडिया 18.) बैण्ड 19.) महाकाल का पुष्पक विमान 20.) ढोल पांच 21.) पांच उंट गाडिया में ओगड़ी की धुणी सहित विभिन्न शिव स्वरूप झांकियां 22.) बैल पर विराजित भोलेनाथ एवं उसके पीछे दोनों साईड में दो-दो गौ माता 23.) थाली मादल 24.) गरासिया समाज द्वारा पारम्परिक नृत्य टीम 25.) ढोल 26.) लवाजमा 27. अग्रसेन बैण्ड 28.) मूल विग्रह चांदी की पालकी (मूल विग्रह के साथ जो भी भक्तगण चलेंगे व अपनी चरण पादुका के बिना चलेंगे एवं मूल विग्रह के दोनों और 25-25 व्यक्ति रस्सा लेकर चलेंगे जिससे मूल विग्रह के सामने कोई भी भक्तगण न आ सकें। 29 शाही सवारी में दूरी होने पर चलने वाले कार्यकर्ता प्रथम केसरियों खुली जीप में बैठे हुए कार्यकर्ता को मोबाईल पर शाही सवारी की रूपरेखा की जानकारी देंगे।
शाही सवारी का संचालन प्रन्यास अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया, सचिव चन्द्रशेखर दाधीच, महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील भट्ट, संयोजक रमाकान्त अजारिया, सुन्दरलाल माण्डावत, प्रन्यास उपाध्यक्ष महिम दशोरा, नटवरलाल शर्मा, शंकर चंदेल, नागेन्द्र शर्मा ओम सोनी, हरीश लोहार, भंवरलाल सुथार, कमल चैहान, पुरूषोत्तम परिहार, शंकरलाल कुमावत, के.जी.पालीवाल, भंवरलाल पालीवाल, द्रुपद सिंह चैहान, तेजशंकर पालीवाल द्वारा किया जायेगा।
दोपहर 12.30 बजे स्वरूप सागर काला किवाड़ के यहां आशुतोष भगवान महाकालेश्वर का स्वागत उदयपुर देहात कांग्रेस कमेटी एव महिला संगिनी ग्रुप द्वारा किया जाएगा जिसकी मुख्य अगवानी लालसिंह झाला व टीटू सुथार के सानिध्य में होगा।
महोत्सव समिति के संरक्षक बी.एस.कानावत ने बताया कि सवारी के मंदिर के बाद गंगा घाट पर 108 दीपकों की महाआरती की जाएगी। निज मंदिर साफ सफाई व्यवस्था के लिए प्रन्यास के शेषमल सोनी, लोकेश मेहता, दिनेश मेहता, यतेन्द्र दाधीच, राजू सोनी, सुनील शर्मा की देख रेख में रहेगा।
शाही सवारी मार्ग में जगह जगह दाधीच समाज, सेन समाज, सिक्ख समाज, खटीक समाज, सुथार समाज, सर्वब्राह्मण समाज, मालवीय लोहार समाज, श्रीमाली समाज, सिंधी समाज, सोनी समाज, विभिन्न धार्मिक संगठनों, गडिया देवरा मित्र मण्डल व शिवभक्तों द्वारा जगह जगह शीतलपेय, नाश्ता, सेगारी नमकीन पकौडे की स्टाॅल लगाई जाएगी।
महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी गोपाल लोहार ने बताया कि महाकाल मित्र मण्डल पदाधिकारियों द्वारा हाथीपोल पर प्रभु महाकालेश्वर की शाही सवारी की 501 दीपकों से भव्य आरती की जाएगी एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा। जिसकी व्यवस्था मित्रमण्डल के मांगीलाल कटारिया, प्रहलाद कटारिया, ओम निमावत,राजेश निमावत दयाल लाल चैहान, दिनेश गुप्ता, सुरेश कटारिया सहित मण्डल के पदाधिकरियों द्वारा की जाएगी।