उदयपुर, 30 सितम्बर। राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद् के तत्वावधान में 501 जनजाति कन्याओं का पूजन कार्यक्रम नगर के 50 प्रतिष्ठित परिवारों की सहभागिता से बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता अखिल भारतीय ग्राम विकास सह प्रमुख डॉ. राधिका लढा रही। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कन्या पूजन हमारी सनातन परंपरा का प्रतीक है। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में नारी शक्ति के सम्मान, संरक्षण और उन्हें मातृशक्ति रूप में प्रतिष्ठित करने का भाव है। उन्होंने कहा कि वनवासी समाज में यह परंपरा विशेष रूप से प्रचलित रही है, जिससे संस्कार, आत्मसम्मान और समरसता की भावना सुदृढ़ होती है।
डॉ. लढा ने वनवासी कल्याण आश्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह संस्था जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और संस्कृति संरक्षण के लिए कार्यरत है। आश्रम का लक्ष्य है कि समाज का प्रत्येक वर्ग आत्मविश्वास के साथ खड़ा हो और राष्ट्र निर्माण में अपनी सशक्त भूमिका निभा सके।
विशिष्ट अतिथियों के रूप में प्रदेश अध्यक्ष थावरचंद डामोर, प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र प्रकाश पंचोली तथा उदयपुर के प्रसिद्ध व्यवसायी बाबूलाल गांधी, जगदीश कुलमी प्रदेश संगठन मंत्री उपस्थित रहे।
नगर के 50 परिवारों, कन्याओं का विधिवत पूजन कर उन्हें भोजन एवं उपहार प्रदान किए गए। इस अवसर पर समाज में समरसता, नारी सम्मान और संस्कृति संरक्षण का संदेश दिया गया।
संलग्न फोटो – राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के तत्वावधान में 501 जनजाति कन्याओं का पूजन

 
     
                                 
                                 
                                 
                                 
                                