सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने वाहन स्क्रैपेज नीति को लेकर पूछा प्रश्न, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी जानकारी
-राजस्थान में 3 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र, अब तक 7,822 निजी वाहन तथा 6578 सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया गया
उदयपुर। केंद्र सरकार ने वाहन स्क्रैपिंग नीति में पुराने, अनफिट व प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए इकोसिस्टम तैयार करने एक प्रोत्साहन नीति लागू की है जिसमें पुराना वाहन जमा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर पंजीकृत नए वाहन के लिए मोटर वाहन कर में छूट का प्रावधान है।
इसमें गैर-परिवहन वाहनों के लिए 25 प्रतिशत तक और परिवहन वाहनों के लिए 15 प्रतिशत तक का प्रावधान है। यह रियायत परिवहन वाहनों के मामले में आठ वर्ष तक और गैर-परिवहन वाहनों के मामले में पंद्रह वर्ष तक उपलब्ध होगी। राजस्थान में भी यह प्रावधान लागू किए गए हैं।
सांसद डॉ मन्नालाल रावत द्वारा लोकसभा में पूछे गए प्रश्न पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी है। सांसद डॉ रावत ने वाहन स्क्रैपेज नीति के कार्यान्वयन को लेकर यह जानकारी मांगी थी कि वाहन स्क्रैपेज नीति के अंतर्गत अब तक राज्य-वार कितने पुराने वाहन स्क्रैप किए गए हैं तथा इस नीति के अंतर्गत नए वाहन खरीदने वाले उपभोक्ताओं को क्या लाभ दिए जा रहे हैं।
साथ ही राजस्थान में इस नीति के कार्यान्वयन की स्थिति क्या है तथा राजस्थान में इस नीति के कार्यान्वयन को लेकर क्या विशेष उपाय किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में बताया कि कुल 106 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र (आरवीएसएफ) में कुल 1,32,612 सरकारी वाहन और 1,25,721 निजी वाहन स्क्रैप किए गए हैं।
राजस्थान में 3 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र संचालित हैं, जहां अब तक 7,822 निजी वाहनों को तथा 6578 सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया गया है। साथ ही 2 स्वचालित परीक्षण स्टेशन (एटीएस) परिचालन में हैं, जहां 47,789 वाहनों का परीक्षण किया गया है। राजस्थान में अपने वाहनों को स्वैच्छिक रूप से स्क्रैप करने का विकल्प चुनने वाले नागरिक यदि वाहन जमा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करते हैं तो पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इसके साथ ही सभी परिवहन और गैर-परिवहन वाहनों के लिए ऐसे प्रमाण पत्र के एवज में मोटर वाहन कर में 50 प्रतिशत तक की रियायत का प्रावधान है, जो बीएस-1 मानदंडों और पहले के मानदंडों के अनुसार निर्मित हैं। इनके अलावा सभी मध्यम तथा भारी माल मोटर वाहन और सभी मध्यम तथा भारी यात्री मोटर वाहन, जो बीएस-2 मानदंडों के अनुसार निर्मित है। वाहन स्क्रैपिंग नीति का कार्यान्वयन संबंधित राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है।
संसद में उदयपुर: अपने वाहनों को स्वैच्छिक रूप से स्क्रैप करने का विकल्प चुनने वाले नागरिकों को मिलेगी छूट
