उदयपुर में होने जा रहे राजस्थानी फिल्म महोत्सव को लेकर पहली जीरो बजट वागड़ी फिल्म के निर्देशक प्रदीप द्विवेदी ने कहा
सुभाष शर्मा, उदयपुर: राजस्थानी फिल्म महोत्सव इस साल उदयपुर में होने जा रहा है। इसकी तैयारी जोरों—शोरों से चल रही है। दो दिवसीय फिल्म महोत्सव इसी महीने 23 अगस्त से शुरू होगा। इस महोत्सव को लेकर पहली जीरो बजट वागड़ी (राजस्थानी) फिल्म ‘तण वाटे’ के निर्देशक, माही परियोजना सहित अनेक डाक्यूमेंट्री फिल्मों से जुड़े, करीब आधा दर्जन बॉलीवुड के म्यूजिक एलबम में प्रोडक्शन हेड रहे प्रदीप द्विवेदी से बातचीत का अवसर मिला। उन्होंने कहा, यदि ‘तण वाटे मॉडल’ पर राजस्थानी फिल्मों का निर्माण होता है, तो न केवल राजस्थानी फिल्मों की गति बढ़ेगी, बल्कि फिल्म निर्माण आसान भी होगा।
उन्होंने बताया कि- अस्सी के दशक में बनी पहली जीरो बजट वागड़ी (राजस्थानी) फिल्म ‘तण वाटे’ में प्रमुख कलाकार भंवर पंचाल(उदयपुर), जगन्नाथ तेली, कैलाश जोशी, नागेंद्र डिडोर, केमरामैन सालेह सईद (दुबई), संगीत निर्देशक डॉ शाहिद मीर खान(भोपाल), गायक अनिल जैन, हेमंत त्रिवेदी सहित किसी भी कलाकार ने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया था।
याद रहे, अशोक नगावत के निर्देशन में पुष्प प्रदेश फिल्म निर्माण समिति का गठन किया गया था, जो सामूहिक प्रयासों से फिल्म निर्माण की धारणा पर आधारित थी और इसी बैनर पर बांसवाड़ा के भागाकोट क्षेत्र में पहली बार शूटिंग हुई थी।
निर्देशक प्रदीप द्विवेदी का मानना है कि- कलाकार, निर्देशक, संपादक, गायक आदि मिलकर समिति का गठन करें। अपनी योग्यता के सापेक्ष निशुल्क सेवाएं देकर फिल्म का निर्माण करें और फिल्म के लाभ को सदस्यों में वितरित कर दें, तो फिल्म निर्माण आसान और तनावरहित तो होगा ही, फिल्म निर्माण की गति भी बढ़ेगी।
राजस्थानी फिल्मों की गति ‘तण वाटे मॉडल’ से बढ़ेगी
