मानव सभ्यता के लिए विरासत में मिले पंच तत्वों का संतुलन आवश्यक – प्रो. सारंगदेवोत विरासत में मिली सभ्यता को भावी पीढी के लिए रखे सुरक्षित
उदयपुर 06 जून। विरासत में मिले पर्यावरण, प्रकृति और पृथ्वी को नष्ट होने से बचाने के लिए हमारी दैनिक जीवन चर्या को बदलकर हमें सनातन परम्परा की ओर लौटना होगा। प्रकृति और हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है जिसमें अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु, आकाश का संतुलन बनाये रखना जरूरी है इसमें से एक के भी असंतुलन से सभ्यता का संतुलन गड़बड़ा सकता है।उक्त विचार जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने भारत विकास परिषद् ‘‘आजाद’’ के रोटरी बजाज भवन में आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम के तहत ‘पर्यावरण बचाने में हमारी भूमिका’…
