सात दिवसीय वेद ज्ञान सप्ताह का हुआ समापन -उत्कृष्ट विधार्थियों का किया सम्मान

उदयपुर 30 अगस्त / जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी  विश्वविद्यालय के संघटक
साहित्य संस्थान एवं महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सप्त दिवसीय वेद ज्ञान सप्ताह का समापन प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में हुआ।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि  वैदिक शिक्षा के विस्तार एवं प्रचार को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने नवीन शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा को विशेष स्थान प्रदान किया है। नवीन शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि भारतीय ज्ञान आधारित शिक्षा व्यवस्था को स्थापित करना तथा आधुनिक शिक्षा के देशों को दूर करना। हमें वेदों के अध्ययन को प्रोत्साहित करना चाहिए।
मुख्य वक्ता आयुर्वेदाचार्य  डॉ शोभा लाल औदिच्य  ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आयुर्वेद में मधुमेह रोग का निवारण पर अपने विचार व्यक्त किया और उसमें वात, पित्त, कफ, औषधीय, योग आदि पर विस्तार से व्याख्यान प्रस्तुत किया।
प्रारंभ में निदेशक प्रो. जीवन सिंह खरकवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सात दिवसीय सप्ताह का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह में सात दिवसीय समारोह के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयेाजन किया गया जिसमें श्रेष्ठ प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया व वंचित वर्ग के ब़च्चों को स्कूल बेग वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि डॉ. लता श्रीमाली उपनिदेशक विधि शासन सचिवालय, जयपुर ने वेद एवं ज्योतिष के परस्पर संबंध के बारे में बताया कि ज्योतिष में  प्रयुक्त होने वाले राशि, नक्षत्र,  ग्रह कक्षा आदि का वर्णन ऋग्वेद के दसवें मंडल के सूक्त में निहित है । किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुख, मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा, रोग आदि के निवारण के लिए अथर्ववेद  में दिए गए मंत्र, यज्ञ आदि द्वारा उपचार अधिक सटीक एवं फलदायी सिद्ध होते हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कुल प्रमुख  भंवरलाल गुर्जर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के प्रभारी डॉ महेश आमेटा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए  कहा कि विश्वविद्यालय में वेद ज्ञान सप्ताह विगत 3 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है और भविष्य में भी इसे निरंतर जारी रखा जाएगा तथा वेद के निष्णात विद्वानों को समय-समय पर आमंत्रित करके उनसे मार्गदर्शन भी प्राप्त किया जाएगा।  और यह संस्थान वेदों के ज्ञान को ध्यान में रखते हुए आगे भी कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ कुलशेखर व्यास ने किया जबकि आभार डाॅ. महेश आमेटा ने जताया।

कार्यक्रम में  प्रो. मंजू मंडोत, डा. भगवती शंकर व्यास, प्रो. नीरज शर्मा, मनीष भट्ट, डॉ. पारस जैन, डाॅ. भवानीपाल सिंह राठौड़ ,  शोएब कुरैशी, नारायण पालीवाल , इंद्र सिंह राणावत सहित शहर के गणमान्य नागरिक व विद्यार्थी उपस्थित थे।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!