पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने नशे के खिलाफ शुरू की ऐतिहासिक पदयात्रा

6 दिनों तक पैदल तय करेंगे 30 किलोमीटर की दूरी
उदयपुर. पंजाब के राज्यपाल और राजस्थान के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने गुरुवार को नशे के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने के उद्देश्य से छह दिवसीय पदयात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर, डेरा बाबा नानक से प्रारंभ हुई और 8 अप्रैल को अमृतसर के जलियांवाला बाग में संपन्न होगी। इस पहल का उद्देश्य पंजाब के सीमावर्ती जिलों में नशे की गंभीर समस्या को लेकर जागरूकता फैलाना और जनता को इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लामबंद करना है।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर से नशा विरोधी पदयात्रा का नेतृत्व करते हुए राज्यपाल कटारिया ने पंजाब के लोगों से नशे को जड़ से मिटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वीरों की इस धरती पर नशे के लिए कोई स्थान नहीं है और इस बुराई के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों में समाज की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इस अवसर पर उन्होंने गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब में मत्था टेका और आशीर्वाद लिया।
राज्यपाल कटारिया ने अपने संबोधन में कहा, “नशे की समस्या से निपटने के लिए समाज के हर वर्ग—शिक्षाविदों, धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों—की एकजुटता आवश्यक है। जब तक सामूहिक प्रयास नहीं होंगे, इस बुराई का समूल नाश करना कठिन रहेगा।” उन्होंने इस पदयात्रा को एक जन आंदोलन में बदलने का आह्वान किया और सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।
यह पदयात्रा गुरदासपुर और अमृतसर जिलों से होकर गुजरेगी, जिसके दौरान राज्यपाल प्रतिदिन सुबह 7 बजे विभिन्न गांवों और कस्बों में जाकर लोगों से संवाद करेंगे और उन्हें नशे के खिलाफ संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगे। यात्रा का पहला दिन डेरा बाबा नानक के सेंट फ्रांसिस कॉन्वेंट स्कूल में समाप्त हुआ। अगले दिन, 4 अप्रैल को यात्रा बडेशा मैरिज पैलेस से प्रारंभ होकर फतेहगढ़ चुरियां के एसडी कॉलेज फॉर गर्ल्स तक पहुंचेगी।
राज्यपाल कटारिया ने इस अभियान के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, सांसदों, विधायकों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और गैर-सरकारी संगठनों को विशेष रूप से 8 अप्रैल को जलियांवाला बाग में आयोजित समापन समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा, “नशे की समस्या केवल पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक गंभीर चुनौती है। हमें अपनी भावी पीढ़ियों और समाज को बचाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा।”
इस पदयात्रा को पंजाब सरकार के ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान के समर्थन में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। राज्यपाल कटारिया ने बताया कि अपनी आठ महीने की अवधि में उन्होंने पंजाब में नशे की गंभीर स्थिति को नजदीक से देखा है और इसे खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है। इस पहल को लेकर जनता और सामाजिक संगठनों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है, और उम्मीद जताई जा रही है कि यह अभियान नशा मुक्त पंजाब की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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By Udaipurviews

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