‘नानी बाई का मायरा’ कथा महोत्सव के लिए सज गया पलाना खुर्द गांव

-16 नवम्बर से शुरू होगी संगीतमय कथा, गांव पहुंचने लगे प्रवासी पलानावासी समाजजन
-इस साल पलाना खुर्द गांव के बसने का 300वां वर्ष
-कथा महोत्सव आध्यात्मिक, आत्मीय, स्नेह एवं प्रेम का महायज्ञ
-तीन दिवसीय कथा में होंगे विभिन्न धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन
-माहेश्वरी समाज पलाना खुर्द कर रहा है आयोजन

फतहनगर। उदयपुर जिले की मावली तहसील का पलाना खुर्द गांव दुल्हन सा सज गया है। इस बार यहां दीपोत्सव की रौनक 18 अक्टूबर तक रहने वाली है। इसका कारण है कि यहां भाईदूज के अगले ही दिन 16 नवम्बर से 18 नवम्बर तक नानीबाई का मायरा कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के विद्वान संत रमतारामजी महाराज के कृपा पात्र शिष्य दिग्विजयरामजी महाराज की निर्मल वाणी से भक्तगण कथा का रसपान करेंगे। कथा को लेकर गांव को फर्रियों, पताकाओं और रोशनी से सजाया गया है। कथा के निमित्त अन्य नगरों,महानगरों में रहने वाले पलानावासी समाजजन मंगलवार से गांव में पहुंचना शुरू हो गए हैं। गांव में चहल-पहल बढ़ गई है।

आयोजनकर्ता माहेश्वरी समाज पलाना खुर्द के प्रबुद्धजनों ने बताया कि 16 नवम्बर से शुरू होने वाली तीन दिवसीय कथा गांव के सतीमाताजी के स्थान पर होगी जहां विशाल पाण्डाल द्वारिकाधाम बनाया गया है। कथा 16 नवम्बर को दोपहर एक बजे शुरू होगी। कथा से पहले सुबह 11 बजे भव्य कलशयात्रा का आयोजन होगा। कलशयात्रा गांव में स्थित चारभुजानाथ मंदिर से शुरू होकर कथा स्थल तक जाएगी। कथा का समय दोपहर एक बजे से अपराह्न 4.30 बजे तक का रहेगा। तीन दिवसीय कथा के दौरान पहले दिन शाम को हर घर राम-जय जय राम कार्यक्रम होगा। दूसरे दिन शाम को पारम्परिक गरबा रास का आयोजन रखा गया है जिसमें धार्मिक व पारम्परिक भक्तिगीतों पर गरबा होगा। कथा के दौरान गांव में प्रभातफेरी भी निकाली जाएगी। कथा के तीसरे व अंतिम दिन 18 नवम्बर को कथा का समय प्रातः 10 बजे से 2 बजे का रहेगा। दोपहर 2 बजे से सामूहिक प्रसादी का कार्यक्रम रहेगा।

कथा उत्सव में शामिल होने के लिए उदयपुर सहित गुजरात व महाराष्ट्र में बसे मेवाड़ के माहेश्वरी समाजजनों को कथा में पधारने का निमंत्रण भेजा गया है। अंतरराष्ट्रीय राम स्नेही सम्प्रदाय के समस्त राम चरणानुरागी भक्तों को भी विशेष रूप से निमंत्रण कर कथा में पधारने का भावभरा आग्रह किया गया है। आयोजनकर्ता समाजजनों ने बताया कि उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, नाथद्वारा, सालेरा, खेमली, मावली, फतेहनगर, रेलमगरा, धनेरिया, चराणा आदि क्षेत्रों से भी समाजजन व राम चरणानुरागी भक्त शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि संत दिग्विजयरामजी महाराज (रामद्वारा चित्तौड़गढ़) अब तक 61 कथाएं कर चुके हैं। 10 जून 2016 को उन्होंने प्रथम कथा की थी। पलाना खुर्द में उनकी 62वीं कथा होगी। उल्लेखनीय है कि पलाना खुर्द को बसे हुए करीब 300 वर्ष हुए हैं, यह अवसर भी महत्वपूर्ण हो गया है। ऐसे में इस कथा महोत्सव को पलाना खुर्द के त्रिशताब्दी महोत्सव के रूप में भी देखा जा रहा है। समाजजनों ने इस महोत्सव को आध्यात्मिक, आत्मीय, स्नेह एवं प्रेम के महायज्ञ की संज्ञा दी है। यह भी उल्लेखनीय है कि कथा व्यास माहेश्वरी कुल में जन्म लेकर रामस्नेही सम्प्रदाय में दीक्षित हुए और संन्यास का मार्ग अपनाया।

आयोजन के मद्देनजर पलाना से बाहर रहने वाले यहां के मूल परिवारों ने अपने घरों की मरम्मत व रंगरोगन करवाया है। गांव में स्थित रामद्वारा का भी रंगरोगन किया गया है। कथा के निमित्त इस बार गांव में दीपावली पर उत्साह का माहौल है। दीपोत्सव के साथ ही गांव में कथा की रौनक शुरू हो गई है। समाजजनों का कहना है कि गांव में इस बार दीपोत्सव का उल्लास कथा के समापन तक रहेगा। इस कथा के निमित्त सभी परिवार तो आ ही रहे हैं, गांव की बहन-बेटियों, सगे-सम्बन्धियों, इष्टमित्रों के परिवारों को भी आने का न्यौता दिया गया है। पलाना खुर्द में माहेश्वरी समाज के मूल परिवार 94 हैं और सम्पूर्ण भारतवर्ष में यहां से जाकर बसे परिवारों की संख्या 353 है।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!