(प्रतीक जैन)
खेरवाड़ा, थाना क्षेत्र के पालिया निचला फला कारछा निवासी नारायण पुत्र थावरा मीणा उम्र 42 वर्ष ने अपने पिता द्वारा आत्महत्या करने का मामला दर्ज कराया। थानाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने बताया कि नारायण द्वारा दर्ज प्रकरण के आधार पर उसके पिता थावरा उम्र 62 वर्ष 2 दिन पहले उनके निवास स्थान वाले घर जाने के लिए कह कर निकले थे। मंगलवार सुबह करीब 10:00 बजे उसकी पत्नी देवली पिताजी को टिफिन देने के लिए उनके निवास स्थान घर पर गई तो उसने देखा कि मेरे पिता घर के बाहर नीम के पेड़ पर निसन्नी की सहायता से पेड़ पर चढ़कर रस्सी का फंदा बनाकर फांसी खाकर लटके हुए थे। पत्नी द्वारा जानकारी देने पर प्रार्थी एवं उसके परिवार का भाई मगन पुत्र कमजी ,सुरेश पुत्र मगन एवं परिजन मौके पर गए। वहां देखा तो नारायण के पिता थावरा उनके मकान के बाहर लगे नीम के पेड़ पर प्लास्टिक की रस्सी से फांसी खाकर लटके हुए थे। पास जाकर देखा तो पिताजी की मृत्यु हो चुकी थी। परिजनों ने मिलकर मृतक के शव को फंदे से नीचे उतारा। पुत्र द्वारा दर्ज कराए गए मर्ग में पिताजी की मृत्यु पर किसी पर कोई शंका जाहिर नहीं की है। अप्राकृतिक एवं अकाल मौत का मंगलवार दोपहर बाद मर्ग दर्ज कर थाना अधिकारी राठौड द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है।
वृद्ध ने पेड़ से फंदा लगाकर की आत्महत्या

(प्रतीक जैन )
अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान
खेरवाड़ा, उपखंड नयागांव के कनबई उप तहसील क्षेत्र के अधिकांश पंचायतों में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है जिससे ग्रामवासी इन दिनों पड़ रही तेज गर्मी और उमस से परेशानियों का सामना कर रहे हैं। विद्युत विभाग द्वारा बिना किसी सूचना के बिना कोई जानकारी दिए बिजली काट दी जाती है। कनबई क्षेत्र की कनबई , जायरा,खेड़ा घाटी ,बलीचा ,पाटिया ,गुड़ा, देमत, झांझरी, मालिफला, सकलाल आदि क्षत्रों के में निरंतर बिजली कटौती की जा रही है। किसान नेता धूलेश्वर वसोहर , कनबई सरपंच साकरचंद गमेती, सकलाल पूर्व सरपंच शांतिलाल डामोर ,पंचायत समिति सदस्य बलदेव खराड़ी ,पूर्व सरपंच चंदूलाल खराड़ी , सरपंच रीना देवी ,बाबूलाल पानडोर, रमेश बरांडा, कांतिलाल खराड़ी आदि जनप्रतिनिधियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि बिजली विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक फोन ही रिसीव नहीं करते हैं। लाइनमैन से बात करने पर लाइनमैन रटी रटाई एक ही बात कहते हैं कि आगे से कटौती है या आगे से फॉल्ट है या आगे से कुछ खराबी है। ऐसी स्थिति में परेशान जनता करें तो क्या करे। जन प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि अगर बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो ग्रामीणों को धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी।