भाजपा ने चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी को बनाया प्रदेशाध्यक्ष
-सुभाष शर्मा
उदयपुर। भाजपा के चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी को बनाया प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मेवाड़ फिर से प्रदेश की सियासत का केंद्र बन गया है। मेवाड़ के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाए जाने से जो रिक्तता मेवाड़ में बनी थी, काफी हद तक उसके पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सांसद सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाना भाजपा की रणनीति मानी जा रही है। हाल ही जयपुर में हुई ब्राह्मण महापंचायत के बाद भाजपा के इस निर्णय से पार्टी ने ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है। राजस्थान की कई सीटों पर ब्राह्मण प्रभावी हैं। वहीं सांसद सीपी जोशी संगठन को संभालने का अनुभव भी रखते हैं। इससे पहले वह भारतीय युवा मोर्चा में प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उसके बाद उन्हें चित्तौड़गढ़ से लोकसभा का टिकट मिला और लगातार दूसरी बार सांसद बने। जोशी से पहले मेवाड़ के दिग्गज नेताओं में सबसे पहले मोहन लाल सुखाड़िया कांग्रेस से जो राज्य में सबसे अधिक वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद कांग्रेस के हरिदेव जोशी, हीरालाल देवपुरा, शिवचरण माथुर मुख्यमंत्री रहे हैं। भाजपा में गुलाबचंद कटारिया से पहले सुंदरसिंह भंडारी और भानुकुमार शास्त्री भी ऐसे नेता रहे, जो मेवाड़ ही नहीं, बल्कि प्रदेश की सियासत में दखल रखते थे।
ब्राह्मणों के साथ युवाओं को साधने की कोशिश
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पर सांसद सीपी जोशी को नियुक्त किए जाने से ब्राह्मणों को साधने के साथ युवाओं को साधने की भी कोशिश की गई है। जोशी के प्रदेशाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने युवाओं के हाथों में कमान सौंपे जाने का संदेश दिया है। इससे लगता है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में युवाओं को मौका मिलना तय है, हालांकि यह भी चर्चा है कि भाजपा अनुभव को भी नहीं छोड़ने वाली। घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा सांसद बनाकर भेजा जाने इसी का उदाहरण था। जोशी को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने से जहां राजस्थान विधानसभा चुनावों में समीकरण बदलेंगे तो लोकसभा चुनाव भी उसका असर रहेगा। अभी तक राजस्थान में भाजपा की सियासत वसुंधरा राजे के बाद तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, राज्य विधानसभा में उप नेता राजेंद्र राठौड़ जैसे नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही।
छोटे से गांव से निकले जोशी
सीपी जोशी चित्तौड़गढ़ जिले के छोटे से गांव भादसौड़ा हैं। जहां वह अपने पिता रामचंद्र जोशी, माता सुशीला जोशी, पत्नी ज्योत्सना और परिवार के साथ रहते हैं। चित्तौड़गढ में स्कूलिंग पूरी करने के बाद उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से बीकॉम किया था। चित्तौड़गढ़ सरकारी कॉलेज में छात्रसंघ उपाध्यक्ष और अध्यक्ष रहने के बाद वह पंचायत समिति भदेसर में उपप्रधान रहते हुए राजनीति में आए थे।
मेवाड़ फिर से प्रदेश की सियासत का केंद्र बनेगा
